न मिसाइल, न बम! एक ऐप से कांप उठा चीन
चीन के राज्य सुरक्षा मंत्रालय ने स्कैनिंग ऐप्स से डेटा लीक के खतरे पर चेतावनी जारी की है. हाल ही में एक ऐप के जरिए गोपनीय दस्तावेज़ लीक हो गए. मंत्रालय ने सुरक्षित ऐप्स के इस्तेमाल, गैरज़रूरी अनुमतियों से बचने और संवेदनशील जानकारी ऑनलाइन स्टोर न करने की सलाह दी है.

चीन, जो लगभग हर चीज़ में आत्मनिर्भर है—चाहे वो मोबाइल ऐप हो या इंटरनेट—अब एक छोटे से ऐप की वजह से मुश्किल में आ गया है. चीन और अमेरिका के बीच पहले से ही ट्रेड वार और जासूसी को लेकर तनाव चल रहा है, ऐसे में यह मामला और भी गंभीर हो गया है.
चीन में एक सरकारी अधिकारी ने गोपनीय बैठक की फाइलों को स्कैन करने के लिए एक ऑनलाइन स्कैनिंग ऐप का इस्तेमाल किया. लेकिन यह ऐप उन फाइलों को ऑटोमैटिक क्लाउड स्टोरेज में सेव कर देता है. बाद में उस क्लाउड अकाउंट को हैक कर लिया गया और 127 गोपनीय दस्तावेज़ लीक हो गए, जो बाद में विदेशी सोशल मीडिया पर दिखे. इससे चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया.
स्कैनिंग ऐप्स से खतरा क्यों?
सरकार का कहना है कि स्कैनिंग ऐप्स कई बार साइबर सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं:
ये ऐप्स क्लाउड पर फाइल सेव करते हैं, जिससे डेटा इंटरनेट पर चला जाता है. इंस्टॉल करते समय ये कई ज़रूरत से ज़्यादा परमिशन मांगते हैं जैसे माइक्रोफोन, फोटो और मैसेजेस तक का एक्सेस. कुछ नकली स्कैनिंग ऐप होते हैं जो असल में मैलवेयर होते हैं और आपका डेटा चोरी कर सकते हैं.
सरकार ने क्या सलाह दी?
चीन की सरकार ने लोगों को स्कैनिंग ऐप्स इस्तेमाल करने को लेकर सावधान किया है और ये सुझाव दिए हैं:
गोपनीय दस्तावेज़ को कभी ऑनलाइन स्कैन या स्टोर न करें. सिर्फ सरकारी या भरोसेमंद ऐप स्टोर से ही ऐप्स डाउनलोड करें. ऐप की परमिशन को ध्यान से पढ़ें और सिर्फ ज़रूरी एक्सेस ही दें. साझा फाइलों पर पासवर्ड लगाएं और एक्सेस सीमित रखें.


