North Korea ने बढ़ाई अमेरिका सहित NATO देशों की चिंता, कहा- 'रूस को युद्ध में बिना शर्त देंगे समर्थन'
रूस और यूक्रेन में चल रहे युद्ध को लेकर उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता ने खुलकर ऐलान कर दिया है कि उत्तर कोरिया इस युद्ध में रूस को बिना किसी शर्त के समर्थन करेगा. उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी केसीएनए (KCNA) ने इस बयान की जानकारी दी है.

उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन ने रूस के यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध में प्योंगयांग के "बिना शर्त समर्थन" की दोबारा पुष्टि की है. उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी केसीएनए (KCNA) ने इस बयान की जानकारी दी. किम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उत्तर कोरिया और रूस सभी रणनीतिक मुद्दों पर एक जैसी सोच रखते हैं और प्योंगयांग, यूक्रेन संकट को लेकर रूस द्वारा उठाए गए हर कदम का समर्थन करता है.
लावरोव की यात्रा और बढ़ती साझेदारी
आपको बता दें कि यह बयान ऐसे समय आया है जब रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव तीन दिवसीय दौरे पर उत्तर कोरिया पहुंचे. इस दौरान उन्होंने उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री चोई सोन हुई से मुलाकात की और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की शुभकामनाएं दीं. लावरोव ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान पर उत्तर कोरिया के चारों ओर "सैन्य घेरेबंदी" करने का आरोप लगाया और रूस-उत्तर कोरिया के रिश्तों को "अजेय लड़ाकू भाईचारा" बताया.
रूसी एजेंसी TASS के मुताबिक, लावरोव ने स्पष्ट चेतावनी दी कि कोई भी देश, उत्तर कोरिया या रूस के खिलाफ गठबंधन बनाने की कोशिश न करे, क्योंकि यह क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए खतरनाक होगा.
नई रणनीतिक साझेदारी और सैन्य समर्थन
किम जोंग-उन ने रूस के साथ एक नई व्यापक रणनीतिक साझेदारी संधि पर हस्ताक्षर की पहली वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भी भाग लिया. इस दौरान उन्होंने यूक्रेन में रूस के लिए लड़ते हुए मारे गए उत्तर कोरियाई सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. उत्तर कोरियाई मीडिया द्वारा जारी तस्वीरों में किम, रूसी झंडे से लिपटे ताबूतों पर विलाप करते दिखाई दिए, जिससे उनकी भावनात्मक भागीदारी ज़ाहिर हुई.
600 उत्तर कोरियाई सैनिक रूस के लिए मारे गए
एक रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से उत्तर कोरिया, क्रेमलिन का प्रमुख सैन्य सहयोगी बनकर उभरा है. उसने हज़ारों सैनिक और हथियारों की खेप रूस को भेजी है, खासकर कुर्स्क सीमा क्षेत्र में यूक्रेनी सेना को पीछे हटाने में मदद करने के लिए. दक्षिण कोरिया के सांसद ली सियोंग-क्वेन ने खुफिया रिपोर्टों के हवाले से बताया कि अब तक लगभग 600 उत्तर कोरियाई सैनिक रूस के लिए लड़ते हुए मारे गए हैं, जबकि हज़ारों घायल हुए हैं.
वैश्विक सुरक्षा पर चिंता, लेकिन गठबंधन अडिग
उत्तर कोरिया और रूस के बीच इस बढ़ते सहयोग ने वैश्विक स्तर पर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं. जहां अमेरिका और उसके सहयोगी देश इसे पूर्वी एशिया में अस्थिरता का कारण मान रहे हैं, वहीं किम और पुतिन इसे "रणनीतिक एकता" और "साझा दुश्मनों के खिलाफ मोर्चा" कह रहे हैं. दोनों देश न केवल सैन्य स्तर पर, बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से भी अपनी साझेदारी को गहरा कर रहे हैं.


