Lords Test का तीसरा दिन, मैदान बना जंग का अखाड़ा…जानिए क्यों हाथापाई की नौबत तक पहुंचा मामला
एजबेस्टन टेस्ट में करारी हार झेलने के बाद इंग्लैंड की टीम पर जबरदस्त दबाव है. सीरीज़ में पिछड़ने के बाद अब लॉर्ड्स में खेला जा रहा दूसरा टेस्ट उनके लिए किसी भी हाल में जीतना जरूरी हो गया है. इसी दबाव में इंग्लैंड की टीम ने खेल की मर्यादाएं तोड़नी शुरू कर दी हैं. जीत के लिए वे अब हर तरह की चालाकी और बेईमानी पर उतर आए हैं, जिसका सीधा उदाहरण लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन के आखिरी सेशन में देखने को मिला.आइए जानते है इस पूरी खबर को विस्तरा से...

लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ का तीसरा मुकाबला अचानक एक बड़े विवाद का केंद्र बन गया. टेस्ट के तीसरे दिन का खेल आमतौर पर धीमा और संयमित रहा करता है, लेकिन इस मैच में आखिरी सेशन में ऐसा कुछ हुआ जिसने पूरे माहौल को गरमा दिया. इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 387 रन बनाए और भारत की टीम भी तीसरे दिन के अंतिम सत्र में इसी स्कोर पर ऑलआउट हो गई. मैच का यह मोड़ पहले से ही रोमांचक था, लेकिन जब इंग्लैंड की दूसरी पारी की शुरुआत हुई तो ओपनर जैक क्रॉली और बेन डकेट ने खेल को खेल की भावना से हटकर खेलना शुरू किया. उन्होंने ऐसी नौटंकी की कि भारतीय खिलाड़ियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.
बुमराह के ओवर में शुरू हुई टाइम वेस्टिंग
दिन के आखिरी ओवर में जसप्रीत बुमराह गेंदबाज़ी कर रहे थे और सामने थे इंग्लैंड के ओपनर जैक क्रॉली. पांचवीं गेंद खेलने के बाद क्रॉली ने अचानक समय बर्बाद करने की रणनीति अपनाई. उन्होंने ग्लव्स उतारे और पवेलियन की ओर इशारा कर दिया, जैसे उन्हें किसी मदद की ज़रूरत हो. भारतीय कप्तान शुभमन गिल यह चालाकी देखकर भड़क गए और क्रॉली पर टिप्पणी करने लगे. जब दोनों खिलाड़ी आमने-सामने आ गए तो अंपायर को बीच में आकर मामला शांत करना पड़ा. गिल ने अपनी नाराज़गी खुलकर ज़ाहिर की और मैदान पर फिजियो को बुलाने का इशारा भी कर दिया. इसके बाद वह क्रॉली की ओर बढ़ते हुए कुछ कहने लगे और ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ की तरह इशारा कर दिया यानी अब नाटक बंद करो और खेल पर ध्यान दो.
पूरी भारतीय टीम आई मैदान में...
क्रॉली की इस हरकत से भारतीय टीम पूरी तरह से हैरान और नाराज़ हो गई थी. उन्हें समझ आ गया कि इंग्लिश ओपनर जानबूझकर समय बर्बाद कर रहे हैं ताकि दिन का खेल खत्म हो जाए और मुश्किल हालात से बचा जा सके. मोहम्मद सिराज ने भी प्रतिक्रिया दी और फिर केएल राहुल और कप्तान शुभमन गिल सीधे पिच के पास पहुंच गए. रवींद्र जडेजा और करुण नायर भी गुस्से में दिखाई दिए. देखते ही देखते भारतीय टीम के कई खिलाड़ी इंग्लिश ओपनर्स के साथ उलझते नज़र आए. मामला इतना बिगड़ गया कि अंपायर को दोनों टीमों को शांत करना पड़ा. इस तनाव के बीच बुमराह की आखिरी गेंद फेंकी गई, जिसे क्रॉली किसी तरह खेल गए फिर अंपायर ने खेल को बंद करन की घोषणा कर दी.
खेल से ज्यादा चर्चा ‘नाटक’ की
इस पूरी घटना के बाद मैच का फोकस स्कोर या प्रदर्शन से हटकर खिलाड़ियों के व्यवहार पर आ गया. सोशल मीडिया पर यह मुद्दा गर्मा गया और फैंस भी दो भागों में बंट गए— कुछ इंग्लैंड की चालाकी को ‘चतुर रणनीति’ कह रहे हैं तो कुछ इसे ‘स्पोर्ट्समैनशिप के खिलाफ’ बता रहे हैं. भारतीय फैंस गिल और टीम के समर्थन में उतर आए हैं, वहीं कुछ क्रिकेट पंडितों का कहना है कि अंपायरों को इस तरह की हरकतों पर सख्त रुख अपनाना चाहिए.
अब क्या होगा आगे ?
इस घटना ने सीरीज़ में एक नया मोड़ ला दिया है. पहले ही दोनों टीमें मुकाबले में पूरी ताकत लगा रही थीं, लेकिन अब मनोवैज्ञानिक लड़ाई भी शुरू हो चुकी है. देखने वाली बात होगी कि चौथे दिन मैदान पर खिलाड़ी अपने गुस्से को प्रदर्शन में बदलते हैं या फिर विवादों का सिलसिला और आगे बढ़ता है.


