score Card

ओसामा बिन लादेन से फंडिंग, कसाब की ट्रेनिंग... आखिर क्यों भारत के निशाने पर आया मुरिदके का मरकज-ए-तैयबा?

Operation Sindoor: भारत की सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत बुधवार सुबह पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए. इनमें सबसे प्रमुख निशाना बना मुरिदके स्थित मरकज-ए-तैयबा, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का संचालनात्मक और वैचारिक केंद्र माना जाता है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Operation Sindoor: भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले का माकूल जवाब देते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. यह कार्रवाई बुधवार सुबह तड़के ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई, जिसे भारतीय सैन्य सूत्रों ने "सटीक, नियंत्रित और गैर-उकसावे वाली" करार दिया है. इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद जैसे प्रतिबंधित संगठनों के ठिकानों को ध्वस्त किया गया.

इस ऑपरेशन का सबसे बड़ा निशाना बना पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लाहौर के पास मुरिदके स्थित 'मस्जिद वा मरकज तैयबा'. यह परिसर लश्कर-ए-तैयबा का वैचारिक और संचालनात्मक मुख्यालय माना जाता है, जिसे आतंकवाद का "नर्सरी" कहा जाता है.

ओसामा बिन लादेन ने दिया फंड

मस्जिद वा मरकज तैयबा की स्थापना वर्ष 2000 में की गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस परिसर की फंडिंग आंशिक रूप से अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन द्वारा की गई थी, जिसने इसमें करीब 1 करोड़ रुपये (PKR 10 मिलियन) का योगदान दिया था. यह परिसर आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद के नेतृत्व में आतंक के प्रचार-प्रसार और प्रशिक्षण का केंद्र रहा है. इस 82 एकड़ के क्षेत्र में एक मस्जिद, इस्लामी शिक्षण संस्थान, मदरसा, रिहायशी क्वार्टर, हथियार प्रशिक्षण केंद्र, धार्मिक कट्टरपंथी शिक्षा और आतंकवादी भर्ती के ठिकाने मौजूद हैं.

कसाब को यहीं मिली थी ट्रेनिंग

भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, 2008 के मुंबई हमलों में शामिल आतंकियों को भी इसी मरकज में प्रशिक्षण दिया गया था. इन आतंकियों में अजमल कसाब भी शामिल था, जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की देखरेख में "दौरा-ए-रिब्बा" नामक खुफिया प्रशिक्षण दिया गया था.

युवाओं के ब्रेनवॉश की फैक्ट्री

मरकज में हर साल करीब 1,000 से अधिक छात्र विभिन्न धार्मिक और आतंकी कार्यक्रमों में दाखिल होते हैं. इसमें पुरुषों के लिए 'सुफा अकादमी' नामक केंद्र और महिलाओं के लिए अलग-अलग ब्रेनवॉश और कट्टरपंथी प्रशिक्षण केंद्र संचालित हैं. यही नहीं, यह स्थान लश्कर के वरिष्ठ नेतृत्व के लिए भी प्रशिक्षण स्थल के रूप में इस्तेमाल होता रहा है.

भारत का सख्त संदेश

नई दिल्ली ने स्पष्ट किया कि मुरिदके पर की गई यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरण इलाके में हुए आतंकी हमले की सीधी प्रतिक्रिया थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर का प्रॉक्सी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट ने ली थी.

भारतीय सेना द्वारा जारी वीडियो में कहा गया, न्याय किया गया है. इस ऑपरेशन के माध्यम से भारत ने न केवल आतंकी ढांचे को निशाना बनाया, बल्कि लश्कर के वैश्विक जिहादी नेटवर्क की रीढ़ पर प्रहार किया है.

calender
07 May 2025, 05:44 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag