फिर करीब आ रहे पाकिस्तान-अमेरिका! दो महीने में दूसरी बार US का दौरा करेंगे Pak आर्मी चीफ असीम मुनीर
पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की लगातार अमेरिकी यात्राएं, जनरल कुरिल्ला की तारीफ और निशान-ए-इम्तियाज जैसे सम्मान यह संकेत देते हैं कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रक्षा संबंध मजबूत हो रहे हैं. भारत के लिए यह कूटनीतिक चिंता का विषय बन गया है, खासकर जब वह पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक बताने की कोशिश कर रहा है.

America-Pakistan Relation: पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर अगस्त में फिर से अमेरिका का दौरा करने वाले हैं. यह दो महीनों में उनकी दूसरी वाशिंगटन यात्रा होगी, जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि दोनों देशों के बीच रक्षा और रणनीतिक सहयोग को नया आयाम देने की कोशिशें जारी हैं. असीम मुनीर इस बार अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला के विदाई समारोह में भाग लेंगे.
जनरल कुरिल्ला ने की पाकिस्तान की तारीफ
जनरल माइकल कुरिल्ला इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं. उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान को अभूतपूर्व आतंकवाद-रोधी साझेदार बताया था. CENTCOM प्रमुख की यह टिप्पणी अमेरिकी कांग्रेस की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष दी गई थी, जिसमें उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान हमारी बेहतरीन भागीदार रहा है.
ISIS K के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई
जनरल कुरिल्ला ने विशेष रूप से उस ऑपरेशन का उल्लेख किया जिसमें पाकिस्तान ने अमेरिका की खुफिया जानकारी के आधार पर आईएसआईएस-खोरासन (ISIS-K) के पांच आतंकियों को पकड़ा था. यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की भूमिका को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने की दिशा में एक मजबूत कदम थी.
भारत को लगी कूटनीतिक चोट
हालांकि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान की इस तरह की खुली प्रशंसा से भारत को असहजता महसूस हुई. भारत लंबे समय से पाकिस्तान को आतंकवाद के वैश्विक प्रायोजक के रूप में प्रस्तुत करता रहा है. लेकिन अमेरिका की यह प्रतिक्रिया पश्चिमी देशों की उस पुरानी रणनीति की याद दिलाती है, जिसमें वे भारत और पाकिस्तान को एक ही तुला पर रखकर संतुलन बनाते रहे हैं.
कुरिल्ला को मिला पाकिस्तानी सम्मान
जुलाई में जब जनरल कुरिल्ला इस्लामाबाद आए थे, तो पाकिस्तान ने उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक निशान-ए-इम्तियाज से नवाजा. इससे स्पष्ट है कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ अपने संबंधों को कितनी प्राथमिकता दे रहा है.
रणनीतिक समीकरणों में बदलाव के संकेत
असीम मुनीर की लगातार अमेरिकी यात्राएं और दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की सार्वजनिक सराहना इस बात का संकेत देती हैं कि वाशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच रणनीतिक समीकरण फिर से मजबूत हो रहे हैं. यह ऐसे समय में हो रहा है जब भारत क्वाड और अन्य वैश्विक गठबंधनों के ज़रिए अमेरिका से नजदीकियां बढ़ा रहा है.


