पाकिस्तान की आर्थिक गिरावट: 700 ट्रिलियन डॉलर के कर्ज से बढ़ता अभूतपूर्व संकट
Pakistan की आर्थिक स्थिति संकट में है, जहां 700 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज और बढ़ती महंगाई के कारण स्थिति बेहद बिगड़ चुकी है। IMF से बेलआउट मिलने के बावजूद, पाकिस्तान की GDP विकास दर और Foreign exchange reserves बेहद कमजोर हैं।

इंटरनेशनल न्यूज. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति वर्तमान में बहुत ही संवेदनशील है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। बल्कि भारत ने भी पाकिस्तान को उसकी जगह दिखाते हुए अपनी खाद्य और जल आपूर्ति को रोक दिया है। पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकटों से जूझ रहा है, और भारत की किसी भी कठोर कार्रवाई से उसकी स्थिति और अधिक खराब हो सकती है। आइए जानते हैं पाकिस्तान की वर्तमान आर्थिक स्थिति के बारे में और यह भारत से कितनी पीछे है।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की दयनीय हालत
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस वक्त कई चुनौतियों का सामना कर रही है। कर्ज का बोझ, महंगाई और राजनीतिक अस्थिरता ने उसके आर्थिक विकास को धीमा कर दिया है। वित्तीय घाटा 7.4 प्रतिशत पर पहुंच गया है और 2024-25 में जीडीपी वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वैश्विक औसत से बहुत कम है।
पाकिस्तान का बढ़ता कर्ज और IMF पर निर्भरता
अक्टूबर 2024 तक पाकिस्तान के सरकारी कर्ज ने एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए 70.36 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये को छू लिया है। इसका मतलब है कि हर पाकिस्तानी नागरिक पर औसतन 2.34 लाख रुपये का कर्ज है। इसके अलावा, फिच रेटिंग्स जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के अनुसार, पाकिस्तान को 2025 के वित्तीय वर्ष में 22 बिलियन डॉलर से अधिक का विदेशी कर्ज चुकाना होगा। पाकिस्तान अब पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) पर निर्भर हो गया है। सितंबर 2024 में, पाकिस्तान को IMF से 7 बिलियन डॉलर का नया बेलआउट पैकेज मिला, जो कि पाकिस्तान का 24वां बेलआउट है और एक विश्व रिकॉर्ड बन चुका है।
भारत से बड़ा अंतर और पाकिस्तान की बढ़ती अस्थिरता
पाकिस्तान के सोने के भंडार भारत से कहीं पीछे हैं। जहां पाकिस्तान के पास महज 64.74 टन सोना है, वहीं भारत के पास 800 टन से भी अधिक सोने का भंडार है। विदेशी मुद्रा भंडार में भी भारत पाकिस्तान से कई गुना आगे है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता में मजबूती आती है। वहीं, पाकिस्तान के शेयर बाजार की स्थिति भी गंभीर है। हाल ही में पाकिस्तान के KSE-100 सूचकांक में एक ही दिन में लगभग 2000 अंकों की गिरावट देखी गई, और पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट भी क्रैश हो गई।
भारत की मजबूती और पाकिस्तान की कमजोर स्थिति
वहीं,India's economy तेजी से आगे बढ़ रही है। 2023 में भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से लगभग 10 गुना बड़ी थी। 2000 के बाद से भारत का GDP पाकिस्तान की तुलना में कई गुना बढ़ चुका है। 2024 में भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और यह दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, जो निवेशकों के लिए एक बड़ा आकर्षण बन चुकी है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही बेहद कमजोर है। भारत द्वारा की जाने वाली किसी भी कठोर कार्रवाई से पाकिस्तान की स्थिति और बिगड़ सकती है। पाकिस्तान केवल आर्थिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि अपनी आंतरिक चुनौतियों और अंतरराष्ट्रीय दबावों के कारण लगातार पीछे जा रहा है।


