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पाकिस्तान की पोल खुद उसके पोस्टरों ने खोल दी – आसिम मुनीर और लश्कर-ए-तैयबा की जुगलबंदी आई सामने

कराची से लाहौर तक लगे कुछ पोस्टरों ने पाकिस्तान की असली सच्चाई सबके सामने ला दी है. इन पोस्टरों में जनरल आसिम मुनीर और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी एक साथ दिखे हैं. क्या पाकिस्तानी फौज वाकई आतंकियों के साथ मिलकर खेल खेल रही है? पूरा मामला जानकर आप भी चौंक जाएंगे...

Aprajita
Edited By: Aprajita

Pakistan: पाकिस्तान हमेशा दुनिया के सामने खुद को आतंकवाद से पीड़ित देश बताता है लेकिन हकीकत इससे एकदम उलट है. अब एक बार फिर उसका असली चेहरा दुनिया के सामने आ गया है. कराची से लेकर लाहौर तक कई शहरों में लगे पोस्टरों ने साबित कर दिया है कि पाकिस्तानी फौज और आतंकवादी संगठनों के बीच गहरा रिश्ता है. खास बात ये है कि ये पोस्टर ऐसे समय पर सामने आए हैं जब भारत जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान की भूमिका को दुनिया के सामने उजागर कर रहा है.

यौम-ए-तकबीर की आड़ में आतंक का चेहरा दिखा

28 मई को पाकिस्तान में 'यौम-ए-तकबीर' की 27वीं वर्षगांठ मनाई गई. यह वही दिन है जब 1998 में पाकिस्तान ने बलूचिस्तान के चगाई इलाके में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण किए थे. इस मौके पर पूरे देश में पोस्टर लगाए गए. लेकिन ये पोस्टर सिर्फ परमाणु शक्ति की याद नहीं दिला रहे थे, बल्कि इन्होंने एक बड़ा राज़ भी खोल दिया.

इन पोस्टरों में पाक सेना के चीफ जनरल आसिम मुनीर और लश्कर-ए-तैयबा के खूंखार आतंकियों की तस्वीरें एक साथ दिखाईं गईं. इससे साफ है कि पाकिस्तान की फौज और आतंकवादी संगठन एक ही पाले में हैं.

कराची से लाहौर तक दिखे आतंकियों के साथ फौजी चेहरे

देश के बड़े शहरों – कराची, लाहौर और इस्लामाबाद – में लगे इन पोस्टरों ने सबका ध्यान खींचा. पोस्टरों में लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर और पाकिस्तानी फौज के बड़े अफसर एक साथ नजर आ रहे हैं. इससे पाकिस्तान की सरकार और सेना की नीयत पर फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं. इन पोस्टरों को देखकर ये भी समझ आता है कि पाकिस्तान अब आतंकियों को खुलकर सपोर्ट करने लगा है और उसे इसका कोई डर भी नहीं है. ये घटना तब हुई जब भारत हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान को घेर रहा है.

पहलगाम हमले में TRF का हाथ, लश्कर की चाल

भारत के जम्मू-कश्मीर में हुए इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के ही मुखौटा संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी. इस हमले में 26 बेगुनाह भारतीय नागरिकों की जान गई. TRF, लश्कर-ए-तैयबा का नया नाम है जिसे पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भ्रम फैलाने के लिए इस्तेमाल करता है.

आतंकवाद का पुराना खिलाड़ी है पाकिस्तान

ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान पर आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने का आरोप लगा हो. अंतरराष्ट्रीय मंचों, खासकर संयुक्त राष्ट्र और FATF (Financial Action Task Force) जैसी संस्थाओं में भी पाकिस्तान की दोहरी नीति पर सवाल उठते रहे हैं. लेकिन हर बार पाकिस्तान अपने को निर्दोष बताता रहा है. अब जबकि खुद उसके देश की सड़कों पर फौज और आतंकियों की जुगलबंदी के पोस्टर लगे हैं तो उसके झूठ की पोल खुद ब खुद खुल गई है.

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29 May 2025, 07:31 AM IST

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