बादलों ने बरपाया कहर, 5 दिन में 60 मौतें, पाकिस्तान में इमरजेंसी लागू
पाकिस्तान में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। कई इलाकों में तेज बारिश और बादल फटने से अब तक 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालात इतने खराब हैं कि आपातकाल लगाना पड़ा है।

International News: पाकिस्तान के कई इलाकों में पिछले कुछ दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। इस बारिश ने लोगों की ज़िंदगी को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियां उफान पर हैं और जगह-जगह जलभराव हो गया है। सड़कों पर पानी भरने से यातायात रुक गया है। कई लोग घरों में फंसे हुए हैं और मदद का इंतज़ार कर रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 60 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। कई बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग इस तबाही का शिकार हुए हैं। कुछ लोग मकान गिरने से मरे, तो कुछ बह गए। कई इलाकों में राहत दलों को लाशें निकालनी पड़ीं। मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग लापता हैं।
आपातकाल की घोषणा
सरकार ने हालात को देखते हुए कई हिस्सों में आपातकाल लागू कर दिया है। खासतौर पर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हालत बेहद गंभीर हैं। सेना और राहत एजेंसियों को मौके पर भेजा गया है। अस्पतालों में इमरजेंसी वार्ड तैयार किए गए हैं। स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकार देगी मुआवजा
जिन लोगों की इस आपदा में जान गई है, उनके परिवारों को सरकार मुआवजा देगी। हर मृतक के परिजन को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है। साथ ही जिनके घर ढह गए हैं या नुकसान हुआ है, उन्हें भी राहत दी जाएगी। सरकार का कहना है कि वह हर प्रभावित को मदद पहुंचाएगी।
मौसम विभाग की चेतावनी
पाकिस्तान मौसम विभाग ने कहा है कि आने वाले दिनों में और बारिश हो सकती है। खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में बादल फटने की आशंका जताई गई है। लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग लगातार स्थिति पर नज़र बनाए हुए है। टीवी और रेडियो पर अलर्ट जारी किए जा रहे हैं।
स्कूल और दफ्तर बंद
कई ज़िलों में हालात को देखते हुए स्कूल और सरकारी दफ्तर बंद कर दिए गए हैं। बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। कामकाजी लोगों को घर से काम करने को कहा गया है। प्रशासन लोगों से बाहर न निकलने की अपील कर रहा है। ज़रूरतमंदों के लिए राहत कैंप खोले गए हैं।
लोगों से सतर्क रहने की अपील
सरकार और प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने को कहा है। नदियों और नालों के पास न जाने की हिदायत दी गई है। अगर कोई मुसीबत में है तो तुरंत हेल्पलाइन पर संपर्क करे। पड़ोसी मुल्कों से भी मदद की पेशकश की गई है। ये समय एक-दूसरे का साथ देने का है।


