पाकिस्तान को IMF से फिर राहत, भारत बोला– आतंक को मिल रहा फंड
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और नई दिल्ली के कड़े विरोध के बावजूद, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को दी गई 1 बिलियन डॉलर की राहत राशि को उचित ठहराया है. IMF ने कहा कि पाकिस्तान ने सभी आर्थिक लक्ष्यों को पूरा किया है, इसलिए यह निर्णय लिया गया.

दुनिया की आर्थिक नजरें पाकिस्तान पर फिर टिक गई हैं, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने एक बार फिर उसे 1 बिलियन डॉलर की बेलआउट सहायता मंजूर कर दी है. भारत की कड़ी आपत्तियों के बावजूद IMF ने पाकिस्तान को राहत पैकेज देने को सही ठहराया है, यह कहते हुए कि “पाकिस्तान ने सभी निर्धारित आर्थिक लक्ष्यों को पूरा कर लिया है.”
IMF की संचार निदेशक जूली कोजैक ने प्रेस वार्ता में कहा, “हमारे बोर्ड ने पाया कि पाकिस्तान ने वास्तव में सभी लक्ष्य हासिल कर लिए हैं. उसने कुछ सुधारों पर प्रगति की है और इसी कारण से बोर्ड ने आगे बढ़कर कार्यक्रम को मंजूरी दी.” उन्होंने स्पष्ट किया कि 25 मार्च 2025 को स्टाफ-स्तरीय समझौता हुआ था और 9 मई को बोर्ड ने उस समीक्षा को स्वीकृत कर दिया. पाकिस्तान को यह सहायता IMF के विस्तारित निधि सुविधा (EFF) कार्यक्रम के तहत दी गई है, जिसे सितंबर 2024 में शुरू किया गया था. अब तक पाकिस्तान को इस योजना के अंतर्गत लगभग 2.1 बिलियन डॉलर की सहायता दी जा चुकी है.
भारत का कड़ा विरोध
हालांकि भारत ने इस निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान को दी गई ये वित्तीय सहायता “आतंकवाद को अप्रत्यक्ष रूप से वित्तपोषित करने जैसा है.” भारत का कहना है कि यह धन सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में इस्तेमाल किया जा सकता है. भारत सरकार द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, “1989 से अब तक के 35 वर्षों में पाकिस्तान को 28 वर्षों में IMF की ओर से फंड मिला है. 2019 से अब तक चार बार बेलआउट कार्यक्रम चला है. अगर पिछले कार्यक्रमों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था सुधरी होती, तो आज ये नौबत नहीं आती.”
नई शर्तों के साथ ऋण
IMF ने इस बार पाकिस्तान पर 11 नई सख्त शर्तें लागू की हैं, जिनमें संसदीय मंजूरी, बिजली क्षेत्र में अधिभार में वृद्धि और आयात पर लगे प्रतिबंधों को हटाना शामिल है. विशेषज्ञों का मानना है कि ये शर्तें पाकिस्तान की कमजोर होती जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालेंगी.
भारत की गैर-मौजूदगी के बावजूद पास हुआ प्रस्ताव
भारत ने इस बेलआउट वोटिंग प्रक्रिया से दूर रहकर विरोध दर्ज कराया, लेकिन IMF बोर्ड ने इसे स्वीकृति दे दी. भारत का यह भी कहना है कि IMF का यह कदम आतंकवाद को वित्तीय रूप से सक्षम बनाने जैसा है और इससे क्षेत्रीय शांति पर खतरा मंडराएगा. इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया अब देखना बाकी है, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर से वैश्विक मंच पर चर्चा का विषय बन गया है.


