भारत की सख्त चेतावनी से डरा पाकिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा में युद्ध जैसी तैयारी
खैबर पख्तूनख्वा के सिविल डिफेंस विभाग ने सभी 29 जिलों को आदेश दिया है कि 50 इलेक्ट्रिक सायरन तैनात किए जाएं और खराब सायरनों की मरम्मत कराई जाए, ताकि हमले की स्थिति में लोगों को समय रहते अलर्ट किया जा सके और सुरक्षा उपाय तुरंत लागू किए जा सकें.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के सख्त रुख ने पाकिस्तान को चिंता में डाल दिया है. भारत की ओर से कोई सीधा सैन्य कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है, लेकिन पाकिस्तान में डर गहराता जा रहा है. अफगानिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूनख्वा से लेकर भारत की सीमा के पास स्थित पंजाब प्रांत तक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
खासकर खैबर पख्तूनख्वा में स्थिति और भी गंभीर हो गई है. वहां के सिविल डिफेंस विभाग ने राज्य के सभी 29 जिलों को निर्देश दिए हैं कि युद्ध जैसी स्थिति में अलर्ट जारी करने के लिए इलेक्ट्रिक सायरनों की व्यवस्था की जाए. अगर किसी जिले में पहले से सायरन लगे हैं और वे खराब हैं, तो उन्हें तुरंत ठीक कराने को कहा गया है. इन आदेशों का मकसद यह है कि भारत के किसी भी संभावित हवाई हमले की स्थिति में जनता को समय रहते सतर्क किया जा सके.
भारत की सख्त चेतावनी से डरा पाकिस्तान
खैबर पख्तूनख्वा के सिविल डिफेंस निदेशालय ने जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को पत्र भेजते हुए कहा है कि जंग की स्थिति में सायरन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इनसे लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने का संकेत दिया जा सकता है. निदेशालय ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि वॉर्निंग सिस्टम के बिना लोगों को समय रहते चेतावनी देना असंभव हो जाएगा.
खैबर पख्तूनख्वा में युद्ध जैसी तैयारी
राज्य सरकार ने अब तक कुल 50 इलेक्ट्रिक सायरन खरीदे हैं, जिन्हें सभी जिलों में लगाया जाएगा. इसके अलावा जो सायरन पहले से लगे हैं, उन्हें भी दुरुस्त करने का आदेश दिया गया है. एक सायरन की अलर्ट क्षमता लगभग 20 किलोमीटर के दायरे में मानी जा रही है, और ये 10 हॉर्सपावर की ध्वनि क्षमता से लैस होंगे.
1000 आतंकी ठिकानों को हटाया
भारत की संभावित कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान में इतना डर है कि उसने पीओके में स्थित लगभग 1000 आतंकी ठिकानों को हटा दिया है. पंजाब से लेकर खैबर पख्तूनख्वा तक अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. कई बड़े शहरों में हर दिन कुछ घंटों के लिए एयरस्पेस बंद रखने का भी फैसला लिया गया है. यह सब भारत के संभावित एयरस्ट्राइक के डर से किया जा रहा है.


