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'अंपायर इसकी अनुमति कैसे दे सकते हैं?' जब रोहित शर्मा ने अंतिम समय में लिया डीआरएस, अब क्रिकेट फैन्स उठा रहे सवाल

आईपीएल 2024 में रोहित शर्मा की शानदार फॉर्म ने मुंबई इंडियंस को लगातार जीत की राह पर ला खड़ा किया है. 1 मई को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मुकाबले में उनकी अर्धशतकीय पारी ने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई. हालांकि इस मैच के दौरान एक विवादास्पद डीआरएस फैसले ने खेल से ज्यादा चर्चा बटोरी. समयसीमा समाप्त होने के बाद डीआरएस लेने की अनुमति दिए जाने से सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई और अंपायरिंग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 के मौजूदा सीजन में रोहित शर्मा की फॉर्म में वापसी ने मुंबई इंडियंस (MI) की किस्मत बदल दी है. टीम ने पिछले छह में से सभी मुकाबले जीतकर शानदार प्रदर्शन किया है. गुरुवार, 1 मई को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ जीत में भी रोहित की पारी ने अहम योगदान दिया. हालांकि इस मुकाबले में उनके एक डीआरएस फैसले ने सोशल मीडिया पर बवाल खड़ा कर दिया है.

डीआरएस कॉल ने बदला मैच का रुख

मैच की शुरुआत में ही एक विवादास्पद निर्णय देखने को मिला. राजस्थान के तेज गेंदबाज फज़लहक फारूकी जब पारी का दूसरा ओवर फेंक रहे थे, तब उन्होंने रोहित शर्मा को स्लोअर गेंद पर चकमा देते हुए एलबीडब्ल्यू आउट किया. अंपायर ने बिना देर किए उंगली उठा दी, लेकिन रोहित ने अंतिम वक्त में डीआरएस लेने का फैसला किया. इससे क्रिकेट फैन्स ही नहीं एक्सपर्ट भी चौंक गए. दरअसल, जब रोहित शर्मा ने डीआरएस लिया, तब तक टाइमर खत्म हो चुका था.

हालांकि, यहीं से विवाद की शुरुआत हुई. मैदान पर लगे टाइमर के मुताबिक, रोहित ने 15 सेकंड की समयसीमा समाप्त होने के बाद 'टी' का संकेत दिया. आम तौर पर डीआरएस लेने के लिए खिलाड़ी को 15 सेकंड के भीतर निर्णय लेना होता है, लेकिन अंपायर ने इसे मान्यता दी और तीसरे अंपायर की राय ली गई.

रिव्यू में बच गए रोहित, जमाया अर्धशतक

रिप्ले में स्पष्ट हुआ कि गेंद लेग स्टंप से बाहर पिच हो रही थी, और अंपायर का निर्णय पलट दिया गया. इस फैसले के बाद रोहित शर्मा ने लय में बल्लेबाजी करते हुए 36 गेंदों पर 53 रन बनाए, जिसमें 9 चौके शामिल थे. यह उनकी पिछली चार पारियों में तीसरी फिफ्टी थी और इससे MI की शुरुआत को मजबूती मिली.

सोशल मीडिया पर फूटा फैंस का गुस्सा

हालांकि रोहित के रनों की तारीफ के साथ-साथ डीआरएस विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त आलोचना हुई. कई फैंस ने सवाल उठाए कि जब डीआरएस का समय समाप्त हो चुका था, तो अंपायर ने समीक्षा की अनुमति कैसे दी. एक यूज़र ने लिखा, "अगर टाइमर का पालन नहीं किया जाएगा तो उसका मतलब ही क्या रह गया?" वहीं दूसरे ने कहा, "आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में ऐसे फैसले की कोई जगह नहीं होनी चाहिए."

आईपीएल की निष्पक्षता पर उठे सवाल

इस विवाद ने एक बार फिर आईपीएल में अंपायरिंग की गुणवत्ता और नियमों के पालन पर बहस छेड़ दी है. कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने भी इस मुद्दे पर संदेह जताया है और बीसीसीआई से स्पष्टता की मांग की है.

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02 May 2025, 01:28 PM IST

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