पाकिस्तानी आतंकवादी समूह अफगान सीमा की ओर शिफ्ट, भारत ने कहा- वे काफी दूर नहीं
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान आधारित आतंकवादी समूह अपनी गतिविधियों को KPK में नए कैंपों के माध्यम से फिर से मजबूत कर रहे हैं, जिसमें LeT का Markaz Jihad-e-Aqsa अफगान सीमा के पास बनाया जा रहा है.

ऑपरेशन सिंदूर के तहत, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में 9 आतंकवादी लॉन्च पैड ध्वस्त किए और 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया. इसके बावजूद पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन अपनी गतिविधियों को फिर से मजबूत कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) खैबर पख्तूनख्वा (KPK) में अफगानिस्तान की सीमा के पास नया प्रशिक्षण और आवासीय कैंप बना रहा है.
हालांकि, ये कैंप सीमा और नियंत्रण रेखा (LoC) से दूर है, भारतीय सेना के सूत्रों का कहना है कि ये पर्याप्त दूरी पर नहीं है और आवश्यकता पड़ने पर इस पर कार्रवाई की जा सकती है.
Markaz Jihad-e-Aqsa: नया LeT कैंप
नया कैंप Markaz Jihad-e-Aqsa लोअर दीर जिले के कम्बन मैदान इलाके में स्थित है, जो अफगानिस्तान की सीमा से केवल 47 किलोमीटर दूर है. 22 सितंबर 2025 के वीडियो और इमेज के अनुसार पहली मंजिल का ढांचा तैयार हो चुका है और छत का काम जारी है.
जुलाई 2025 में इसका निर्माण शुरू हुआ, केवल 2 महीने बाद जब ऑपरेशन सिंदूर ने PoK में LeT के Markaz Ahle Hadith Fidayeen कैंप को तबाह किया. 4,643 वर्ग फुट के क्षेत्र में बना ये कैंप Jamia Ahle Sunnah मस्जिद के पास स्थित है, जो अक्सर आतंकी गतिविधियों को धार्मिक ढांचे में छुपाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
नेतृत्व और प्रशिक्षण कार्यक्रम
LeT ने इस कैंप का संचालन वरिष्ठ कमांडरों को सौंपा है:
नेतृत्व: नसर जावेद, 2006 हैदराबाद ब्लास्ट का मुख्य साजिशकर्ता
सैद्धांतिक प्रशिक्षण: मुहम्मद यासिन (बिलाल भाई)
हथियार प्रशिक्षण: अनास उल्लाह खान, गढ़ी हबीबुल्लाह कैंप में पहले प्रशिक्षण प्राप्त
कैंप में Jaan-e-Fidai (सुसाइड स्क्वाड) के लिए दो बड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे- Daura-e-Khas और Daura-e-Lashkar. सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह कैंप मध्यम से उच्च खतरे का केंद्र बन सकता है और एक समय में कई आतंकियों को प्रशिक्षित कर सकता है.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद आधार संरचना में बदलाव
ऑपरेशन सिंदूर ने PoK और पाकिस्तान के पंजाब में सक्रिय आतंकवादी समूहों को बड़ा झटका दिया. इसके बाद LeT, Jaish-e-Mohammed (JeM) और Hizbul Mujahideen (HM) ने अपनी गतिविधियों को KPK में स्थानांतरित किया, ताकि भारतीय हवाई और जमीनी हमलों से सुरक्षित रहे.
नए LeT कैंप के पास HM का एक कैंप केवल 4 किलोमीटर दूर है, जिससे समूहों के बीच समन्वय का संकेत मिलता है. JeM भी इस क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को फिर से स्थापित कर रहा है, जिससे KPK एक नया आतंकवादी केंद्र बन रहा है.
पाकिस्तान की दोहरी नीति
जून 2025 में पाकिस्तान ने लोअर दीर में TTP के खिलाफ सफाई अभियान चलाया, जिससे LeT जैसे प्रोस-पाकिस्तानी समूहों को नया बेस बनाने का अवसर मिला.
भारत पर संभावित प्रभाव
नए LeT कैंप की दूरी भारतीय सीमा से ज्यादा होने के बावजूद, सेना सूत्रों का कहना है कि ये भारतीय कार्रवाई से सुरक्षित नहीं रहेगा. एक वरिष्ठ सेना सूत्र ने कहा कि अगर इन कैंपों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया गया, तो वे सुरक्षित नहीं रहेंगे. विशेषज्ञों का अनुमान है कि Markaz Jihad-e-Aqsa दिसंबर 2025 तक पूरी तरह से सक्रिय हो जाएगा. इसके साथ ही, JeM और HM के नए कैंप भी इसी क्षेत्र में सक्रिय हैं, जो पाकिस्तान की रणनीति को दर्शाते हैं- घरेलू विरोधियों को खत्म करते हुए भारत विरोधी आतंकवादी ढांचे को सुरक्षित रखना.


