पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बरमाचा बॉर्डर पर तोपों की गूंज से दहशत, क्या छिड़ेगी नई जंग?
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बरमाचा सीमा क्षेत्र पर गोलीबारी से तनाव बढ़ गया है. नई चौकियों के निर्माण को लेकर शुरू हुआ विवाद दोपहर को फिर भड़क गया, जिसमें भारी सैन्य बल का प्रयोग हुआ. अफगान तालिबान और TTP के गठबंधन ने पाकिस्तान की सुरक्षा को चुनौती दी है. TTP के हमलों और सेना की असफलता से पाकिस्तान की सैन्य साख पर सवाल उठने लगे हैं. यह विवाद भविष्य में और गंभीर रूप ले सकता है.

पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सेनाओं के बीच गुरुवार सुबह एक बार फिर तनाव गहरा गया, जब दोनों देशों की सेना ने अफगानिस्तान के बरमाचा सीमा क्षेत्र में एक-दूसरे पर जमकर गोलीबारी की. यह इलाका पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से सटा हुआ है और लंबे समय से विवाद का कारण बना हुआ है. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, इस टकराव की जड़ नई सीमा चौकियों के निर्माण को लेकर पैदा हुई है.
दोपहर में फिर भड़की झड़प
रिपोर्ट के अनुसार, सुबह हुई गोलीबारी कुछ समय बाद थम गई थी, लेकिन दोपहर करीब 4:30 बजे एक बार फिर स्थिति बिगड़ गई और दोनों पक्षों ने दोबारा एक-दूसरे पर फायरिंग शुरू कर दी. अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत की अंतरिम सरकार के अधिकारियों ने भी इस संघर्ष की पुष्टि की है. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने इस बार अपनी सैन्य ताकत बढ़ाते हुए टैंक तक तैनात कर दिए और अफगान सीमा पर बनीं चौकियों को भारी तोपों से निशाना बनाया.
तालिबान और TTP का गठजोड़, पाकिस्तान के लिए चुनौती
पाकिस्तान और अफगान तालिबान के रिश्ते इन दिनों बेहद कटु हो चुके हैं. हालात ऐसे हैं कि दोनों एक-दूसरे की सेना की मौत का जश्न मनाते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), जिसे अफगान तालिबान का समर्थन हासिल है और जो पाकिस्तान के खिलाफ सशस्त्र हमलों को अंजाम देता है.
TTP ने पाकिस्तानी सेना को दी मात
करीब पांच महीने पहले TTP ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह के बाजौर इलाके के सालारजई सैन्य बेस पर हमला कर दिया था. पाकिस्तान की फौज की मौजूदगी के बावजूद, TTP ने वहां अपना झंडा फहरा दिया था. इससे पहले, 28 दिसंबर को अफगान तालिबान और TTP ने मिलकर पाकिस्तान के सरहदी इलाकों पर एक बड़ा हमला किया था, जिसमें 19 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई थी. इस घटना ने पाकिस्तान सरकार को झकझोर कर रख दिया था.
पाकिस्तानी सेना की साख पर सवाल
इस पूरे घटनाक्रम में पाकिस्तान की सेना की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. जनरलों की हार के बावजूद उनकी पदोन्नति और मेडल समारोहों को लेकर तहरीक-ए-तालिबान ने पाकिस्तान की सेना की खुलकर खिल्ली उड़ाई है. पाकिस्तान की सेना आज खुद को अपनी ही सरहद पर असुरक्षित महसूस कर रही है.
सीमा विवाद या छिपी हुई जंग?
बरमाचा सीमा क्षेत्र में चौकियों को लेकर भड़का विवाद अब धीरे-धीरे गंभीर सैन्य टकराव में बदलता जा रहा है. जहां एक तरफ पाकिस्तान अपनी सैन्य ताकत दिखाने की कोशिश कर रहा है, वहीं अफगान तालिबान और TTP का गठबंधन उसके लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. ऐसे में दोनों देशों के बीच हालात और बिगड़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.


