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ऑपरेशन एनटेबे: युगांडा से 103 बंधकों को बचाते समय शहीद हुए इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के भाई, जानिए पूरी कहानी

ऑपरेशन एनटेबे 1976 में इजरायली कमांडोज़ द्वारा युगांडा में चलाया गया एक साहसी मिशन था. इसमें 102 में से 103 बंधकों को सुरक्षित बचा लिया गया. केवल एक बंधक की मौत हुई. इस मिशन में इजरायली पीएम नेतन्याहू के भाई योनातन नेतन्याहू शहीद हो गए.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

दुनिया में जब भी कोई बंधक संकट आता है, तो कमांडो ऑपरेशन किए जाते हैं. अगर ये ऑपरेशन अपने देश में हो, तो मदद मिलना आसान होता है. लेकिन जब कमांडो को अपने देश से 4,000 किलोमीटर दूर दूसरे देश में जाना पड़ता है, तो ये बहुत बड़ी चुनौती होती है. ऐसा ही एक खुफिया मिशन ऑपरेशन एनटेबे था.

27 जून 1976 को फिलिस्तीन से जुड़े आतंकवादी संगठन PFLP ने एयर फ्रांस के एक विमान को हाइजैक कर लिया. उस विमान में 248 यात्री थे. आतंकवादी विमान को युगांडा के एनटेबे एयरपोर्ट पर ले गए और अपनी मांगें रखीं. उन्होंने 53 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की मांग की, और इजरायल के लिए यह बहुत मुश्किल फैसला था कि वे कैदियों को छोड़ें या कमांडो ऑपरेशन करें.

ऑपरेशन एनटेबे: 103 बंधकों की जिंदगी बचाने का इतिहास

इजरायल ने साहस दिखाते हुए ऑपरेशन करने का फैसला किया. इजरायली कमांडो युगांडा के एनटेबे एयरपोर्ट पर 4,000 किलोमीटर दूर एक खतरनाक मिशन पर गए. इस ऑपरेशन की कमान योनातन नेतन्याहू के पास थी, जो वर्तमान इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाई थे.

248 यात्रियों वाले विमान का हाइजैक

मोसाद ने कमांडो को सारी जरूरी जानकारी दी, जैसे विमान कहां है और आसपास के हालात क्या हैं. बिना रडार में पकड़े हुए, इजरायली सेना ने युगांडा के हवाई अड्डे पर हमला किया. उस समय युगांडा के तानाशाह इदी अमीन की सेना आतंकवादियों का साथ दे रही थी, लेकिन बंधकों की जान बचाने के लिए ऑपरेशन जरूरी था.

युगांडा के तानाशाह के बीच हुआ साहसिक बचाव अभियान

90 मिनट तक चले इस ऑपरेशन में 102 में से 103 बंधकों को बचाया गया. एक बंधक की जान गई और योनातन नेतन्याहू इस मिशन में शहीद हो गए. ऑपरेशन एनटेबे को दुनिया का सबसे साहसी और कठिन कमांडो ऑपरेशन माना जाता है. इस ऑपरेशन ने इजरायल की ताकत और आतंकवाद के खिलाफ हिम्मत को साबित किया. इस ऑपरेशन पर कई किताबें और फिल्में बन चुकी हैं. ऑपरेशन एनटेबे ने दिखा दिया कि आतंकवाद के सामने कभी झुकना नहीं चाहिए.

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24 May 2025, 03:24 PM IST

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