'कल बना था बांग्लादेश, अब बनेगा सिंधु देश', पाकिस्तानी सेना के खिलाफ सिंध में भड़का जनविद्रोह
सिंध में लोगों ने पाकिस्तानी सेना के अवैध कब्जे के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है. "अब बनेगा सिंधु देश" के नारे लगाते हुए नागरिकों ने सेना के काफिले को रास्ते में रोक लिया. यह विरोध पाकिस्तान की जबरन दमनकारी नीतियों के खिलाफ एक बड़ा जनआंदोलन बनता जा रहा है.

सिंध प्रांत एक बार फिर पाकिस्तानी हुकूमत और फौज के दमन का विरोध करता दिखा. इस बार विरोध सिर्फ नारों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि स्थानीय नागरिकों ने खुलेआम पाकिस्तानी सेना के काफिले को रास्ते में घेरकर उनका विरोध किया. वो भी कैमरे के सामने. यह दृश्य न केवल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, बल्कि पाकिस्तान के भीतर उबलते जनाक्रोश का प्रमाण बन गया है.
घटना सिंध के घोटकी जिले की बताई जा रही है, जहां स्थानीय नागरिकों का समूह "सिंधु देश ज़िंदाबाद" और "पाक फौज मुर्दाबाद" के नारों के साथ सड़कों पर उतरा. उन्होंने सेना के काफिले को घेर लिया और ललकारते हुए कहा – "कल बना था बांग्लादेश, अब बनेगा सिंधु देश." यह नारा इतिहास की उस तल्ख़ हकीकत की याद दिलाता है जब 1971 में पूर्वी पाकिस्तान टूटकर बांग्लादेश बना था.
सिंधियों का फूटा गुस्सा
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पाकिस्तानी सेना सिंध के संसाधनों का शोषण कर रही है और स्थानीय लोगों को दोयम दर्जे का नागरिक समझती है. वे दावा कर रहे हैं कि सेना ने ज़मीनों पर अवैध कब्ज़ा कर रखा है, युवाओं को जबरन गायब किया जा रहा है और आवाज़ उठाने वालों को ग़द्दार कहकर जेलों में डाला जा रहा है.
“Kal Bana Tha Bangladesh, Aaj Banega Sindhudesh”
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) May 20, 2025
Civilians in Sindh stop Pakistan Army convoy to confront them on camera to seek freedom from Pakistani Military’s illegal occupation. Watch the video! 👇 pic.twitter.com/CxUEres3kP
सिंधु देश की मांग फिर मुखर
सिंधी राष्ट्रवादियों की यह मांग कोई नई नहीं है, लेकिन इस बार यह उग्र रूप में सामने आई है. ‘जे एस एम क़ौमी मूवमेंट’ समेत कई संगठनों ने सिंध को एक स्वतंत्र राष्ट्र – ‘सिंधु देश’ – के रूप में स्थापित करने की मांग फिर दोहराई है. उनका तर्क है कि सिंध की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भाषाई पहचान अलग है जिसे जबरन पाकिस्तान में मिलाया गया.
पाकिस्तान की परेशानी बढ़ी
इस विरोध ने पाकिस्तान की आंतरिक स्थिरता को एक और झटका दिया है. पहले ही बलूचिस्तान में आज़ादी की मांग तेज है, खैबर पख्तूनख्वा में तालिबान का बढ़ता प्रभाव है, और अब सिंध में खुलकर विरोध. पाक सेना और खुफिया एजेंसियों की ओर से फिलहाल इस प्रदर्शन पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि कई प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.
क्या सिंध पाकिस्तान से अलग हो पाएगा?
भले ही अभी यह आंदोलन शुरुआती चरण में दिख रहा हो, लेकिन सोशल मीडिया पर जिस तरह सिंधु देश के समर्थन में वीडियो और पोस्ट्स वायरल हो रहे हैं, उससे यह ज़रूर लगता है कि पाकिस्तान के लिए एक और बांग्लादेश बनने की नींव पड़ रही है.


