पुतिन आए, फटकार लगाए, साइन करवाया...Indigo संकट के बीच पुतिन का 16 साल पुराना वीडियो फिर चर्चा में
इंडिगो के बड़े ऑपरेशनल संकट के बीच सोशल मीडिया पर पुतिन का 2009 वाला वीडियो वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने एक उद्योगपति को मजदूरों का वेतन रोकने पर फटकारा था. इंडिगो के हजारों उड़ान रद्द होने और DGCA नियमों का पालन न कर पाने से अफरातफरी मची.

नई दिल्ली : इंडिगो एयरलाइन के ऑपरेशनल ढर्रे के अचानक ध्वस्त होने और हजारों उड़ानों के रद्द होने से भारत के कई बड़े शहरों में अफरातफरी मच गई. ठीक इसी समय रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का 2009 का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल होने लगा. इस वीडियो में पुतिन एक प्रभावशाली उद्योगपति को मजदूरों को महीनों वेतन न देने पर लाइव कैमरे के सामने कड़ी फटकार लगाते दिखाई देते हैं. इंडिगो के संकट के दौरान इस वीडियो के शेयर होने से लोगों ने कॉरपोरेट ताकत और राज्य की भूमिका को लेकर तुलना शुरू कर दी.
इंडिगो की गड़बड़ी कैसे बनी राष्ट्रीय संकट?
This alleged arm twisting of govt by Indigo reminds me of 2009
— Shekhar Dutt (@DuttShekhar) December 5, 2025
About a Putin master class on how to handle oligarchs and oligopolies
That when in 2009 a struggling factory wasn't paying its workers, Putin publicly confronted its billionaire owner, Oleg Deripaska
He made him… pic.twitter.com/kRzSeDj3dp
पुतिन की 2009 की सख्ती क्यों आई याद?
लोगों ने इंडिगो द्वारा सरकार पर दबाव बनाकर नियमों में ढील लेने की कोशिश को उस समय से जोड़कर देखा जब पुतिन ने 2009 में ओलेग डेरीपास्का नाम के अरबपति उद्योगपति को मजदूरों का वेतन रोके रखने पर कड़ी फटकार लगाई थी. उस समय पुतिन ने उसे खुले मंच पर अनुशासनहीन और गैर-जिम्मेदार करार दिया था. कैमरे चल रहे थे, और उन्होंने उससे तुरंत आदेश पत्र पर हस्ताक्षर करवाए तथा जाते समय पेन वापस करने को कहा था. यह घटना रूस में राज्य की सर्वोच्चता और कॉरपोरेट शक्तियों की सीमा का प्रतीक बन गई थी.
क्या भारत पुतिन जैसा सख्त मॉडल अपना सकता है?
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने सवाल उठाया कि क्या भारत सरकार इंडिगो के मामले में पुतिन जैसी कड़क कार्रवाई कर सकती है. कई विशेषज्ञों के अनुसार इंडिगो का संकट सिर्फ उड़ान रद्द होने का मामला नहीं, बल्कि यह चेतावनी भी है कि यदि कॉरपोरेट जिम्मेदारी का पालन न करें तो पूरे देश में अव्यवस्था फैल सकती है. DGCA ने भले ही कुछ नियमों में अस्थायी ढील दी हो, लेकिन इस घटना ने साफ कर दिया कि भविष्य में सरकार ऑपरेटरों से कड़ा पालन करवाने की दिशा में और सख्त कदम उठा सकती है.


