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यूक्रेन के हमलों से बौखलाया रूस, क्या अब चलेगा सरमत और किंझल जैसे घातक हथियार?

रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ा युद्ध अब और भी खतरनाक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है. यूक्रेन की ओर से हाल ही में रूस के कई सैन्य एयरबेस पर किए गए हमलों ने क्रेमलिन को उकसा दिया है. यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस के कम से कम 5 एयरबेस तबाह कर दिए हैं, जिनमें कई स्ट्रैटेजिक ठिकाने शामिल हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध एक बार फिर भड़कता नजर आ रहा है. हाल ही में यूक्रेन ने रूस के पांच एयरबेस को निशाना बनाते हुए हमले किए हैं. इन हमलों ने रूस को जवाबी कार्रवाई के लिए उकसा दिया है. माना जा रहा है कि अगर रूस चाहे तो उसके पास ऐसे कई ‘डूम्सडे’ हथियार हैं, जिनसे वो पलभर में यूक्रेन को तबाह कर सकता है, लेकिन अब तक उसने संयम बरता है.

विशेषज्ञों का मानना है कि रूस की रणनीति अब बदल सकती है. यूक्रेन के ड्रोन हमलों के बाद रूस पर दबाव बढ़ा है और वह अपने खुफिया हथियारों का उपयोग करने पर विचार कर सकता है. हालांकि, रूस अब तक अंतरराष्ट्रीय दबाव और वैश्विक राजनीति के कारण पूरी ताकत झोंकने से बचता रहा है.

रूस के सबसे खतरनाक हथियार कौन से हैं?

1. Kh-47M2 किंझल (Kinzhal): हवा से दागी जाने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल किंझल रूस की सबसे तेज और खतरनाक मिसाइलों में से एक मानी जाती है. इसे फाइटर जेट से लॉन्च किया जाता है. इसकी रेंज करीब 2000 किलोमीटर है और यह 12,348 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ती है. यह अब तक यूक्रेन पर इस्तेमाल की जा चुकी है.

2. RS-28 सरमत (Sarmat): 'शैतान-2' के नाम से कुख्यात

यह एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है जिसकी रेंज 18,000 किलोमीटर तक है. इसमें एक साथ 10 से 15 परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता है. यह मिसाइल कई शहरों को एकसाथ मिटा सकती है.

3. अवनगार्ड (Avangard): रडार से बचने वाला ग्लाइड व्हीकल

इसकी गति Mach 27 यानी करीब 32,200 किमी/घंटा है. यह रडार को चकमा देकर लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम है. इसे रूस का सबसे खुफिया हथियार माना जाता है.

4. 9M730 बुरेवेस्तनिक (Burevestnik): फ्लाइंग चेर्नोबिल

यह परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज़ मिसाइल है जो हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे लंबे समय तक हवा में उड़ाया जा सकता है और यह किसी भी दिशा से हमला कर सकती है. इसे ‘फ्लाइंग चेर्नोबिल’ भी कहा जाता है.

रूस क्यों नहीं कर रहा इस्तेमाल?

ICANW (International Campaign to Abolish Nuclear Weapons) की रिपोर्ट बताती है कि रूस के पास 5,449 परमाणु हथियार हैं. बावजूद इसके वह अब तक यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर इनका प्रयोग नहीं कर पाया है. इसके पीछे कई कारण हैं:

वैश्विक दबाव: अगर रूस ने परमाणु या महाविनाशक हथियारों का उपयोग किया, तो अमेरिका सहित NATO देश उसके खिलाफ खुलकर खड़े हो सकते हैं.

राजनीतिक रणनीति: रूस फिलहाल सीधे युद्ध से ज्यादा, रणनीतिक जवाब और क्षेत्रीय दबदबा बनाए रखने की नीति पर चल रहा है.

मानवता की चिंता: किसी बड़े हथियार का प्रयोग केवल युद्ध नहीं, बल्कि वैश्विक संकट को जन्म दे सकता है.

क्या अब बदलेगा रूस का रवैया?

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यूक्रेन के हमले तेज होते रहे तो रूस को मजबूरन अपनी ताकत दिखानी पड़ सकती है. ऐसी स्थिति में सरमत और अवनगार्ड जैसे हथियारों का प्रयोग संभव है. हालांकि, यह कदम दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की ओर धकेल सकता है.

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02 June 2025, 03:57 PM IST

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