इस मुस्लिम अरब देश में एक भी नदी नहीं, फिर भी जल संकट नहीं, नाम है...
अगर आप इस मुस्लिम अरब देश में जाने की योजना बना रहे हैं तो वहां मिलने वाले पानी के स्रोतो के बारे में जानना जरूरी है. यह अरब का एक रेगिस्तान देश है जहां कुदरती रूप से मीठे पाने के स्रोत बहुत कम हैं. यहां की ज्यादातर आबादी समुद्र के खारे पानी को साफ करके पीने योग्य बनाती है. इस देश में अत्याधुनिक डीसेलिनेशन प्लांट लगाए गए हैं, जो समुद्र के पानी को फिल्टर कर मीठा पानी बनाते हैं. इसके अलावा, पानी की बचत और Recycling पर भी खास ध्यान दिया जाता है ताकि पानी की कमी न हो सके.

इंटरनेशनल न्यूज. क्या आप बिना पानी के किसी जीवित देश की कल्पना कर सकते हैं? लेकिन दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहां न तो कोई नदी है और न ही कोई झील, फिर भी लोग ज़िंदा हैं. यहां की ज़मीन रेतीली है, जिसकी वजह से यहां पानी का नामोनिशान नहीं मिलेगा. हालांकि सऊदी अरब के पास ज़रूर बड़ी मात्रा में तेल है. इस वजह से ये देश अमीर भी है, लेकिन यहां पानी की भारी कमी है.
पानी का कुआं तो है, लेकिन उसमें पानी नहीं है. देश में सोना है, लेकिन पानी का नामोनिशान भी नहीं है. अब लोगों का सवाल है कि यहां के लोगों को पानी कैसे मिलता है और कहां से आता है. तो चलिए आपके सवाल का जवाब देते हैं और जब आप वहां जाएं, तो पानी बर्बाद न करें.
खेती की सीमित संभावनाएं
सऊदी अरब में सिर्फ़ एक प्रतिशत ज़मीन पर ही खेती होती है और उसमें भी सिर्फ़ कुछ ही सब्ज़ियां उगाई जाती हैं. चावल और गेहूं जैसी फ़सलों को उगाने के लिए बहुत ज़्यादा पानी की ज़रूरत होती है. हालांकि यहां एक बार गेहूं की खेती शुरू हुई थी, लेकिन पानी की कमी के कारण इसे बंद करना पड़ा. सऊदी अरब को अपने खाने-पीने का सारा सामान विदेश से आयात करना पड़ता है.
सऊदी अरब में जल संकट गहराया
सऊदी अरब में अब बहुत कम भूमिगत जल बचा है और वो भी बहुत गहरा है. कहा जाता है कि आने वाले कुछ सालों में वो भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा. एक रिपोर्ट के मुताबिक पहले यहां बहुत सारे पानी के कुएं थे, जिनका इस्तेमाल हजारों सालों से किया जा रहा था, लेकिन आबादी बढ़ने के कारण भूमिगत जल का इस्तेमाल भी बढ़ गया, जिसका नतीजा ये हुआ कि धीरे-धीरे कुओं की गहराई बढ़ती गई और कुछ सालों में कुएं पूरी तरह सूख गए.
समुद्री जल को पीने लायक बनाने की प्रक्रिया
सबसे खास बात यह है कि यहां साल में एक या दो दिन ही बारिश होती है. ऐसे में उस पानी को स्टोर करना संभव नहीं है और न ही इससे भूमिगत जल की भरपाई हो सकती है. दूसरा रास्ता समुद्र है, जिसके पानी को पीने लायक बनाया जाता है, हालांकि समुद्र के पानी में नमक की मात्रा ज्यादा होती है. इसलिए विलवणीकरण के जरिए पानी से नमक को अलग किया जाता है और उसके बाद ही वह पीने लायक बनता है.
सऊदी अरब: सस्ता तेल, लेकिन महंगी जिंदगी
सऊदी अरब के अलावा कई ऐसे देश हैं जहां नदियों का नामोनिशान नहीं है. इनमें कोमोरोस, लीबिया, मोनाको, वेटिकन सिटी, ओमान जैसे देश शामिल हैं जहां नदियां नहीं हैं. इन देशों में पीने के पानी का इंतजाम समुद्र के पानी को खारा करके किया जाता है. सऊदी अरब अगर तेल के मामले में बहुत सस्ता है तो वहीं दूसरी तरफ यहां शॉपिंग से लेकर रहने तक सब कुछ बहुत महंगा है.
अगर यहां घूमने के लिए वीजा की बात करें तो ई-वीजा एक साल के लिए वैध होता है, वहीं यहां मल्टीपल वीजा एंट्री की भी सुविधा मिलती है, इससे आप देश में 90 दिनों तक रह सकते हैं.


