तियानजिन SCO समिट का दूसरा दिन, मोदी-पुतिन मीटिंग पर टिकी सबकी नजरें... इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
आज सबकी निगाहें PM नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बहुप्रतीक्षित मीटिंग पर टिकी हैं. यह मुलाकात हाल ही में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ पीएम मोदी की फोन पर हुई बातचीत और रूसी तेल की खरीद पर भारत को अतिरिक्त टैरिफ लगाने के ट्रम्प के फैसले की पृष्ठभूमि में हो रही है. यह मीटिंग न केवल भारत-रूस संबंधों को नई दिशा दे सकती है, बल्कि वैश्विक कूटनीति में भी बड़ा बदलाव ला सकती है.

SCO Summit 2025: शिखर सम्मेलन का आज दूसरा दिन है और सबकी नजरें संयुक्त घोषणापत्र पर टिकी है जो आज जारी होगा. खासकर इस बात पर है कि क्या घोषणापत्र में पहलगाम आतंकी हमलों का जिक्र शामिल होगा या नहीं. कुछ महीने पहले एससीओ रक्षा मंत्रियों के घोषणापत्र में बलूचिस्तान का जिक्र था जबकि पहलगाम हमलों को अनदेखा कर दिया गया था. इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उस दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था.
इस बार शिखर सम्मेलन में सबसे अधिक ध्यान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली द्विपक्षीय मुलाकात पर केंद्रित है. यह मीटिंग हाल ही में पीएम मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच फोन वार्ता तथा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूसी तेल की खरीद पर भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने के फैसले पर हो रहा है.
मोदी-पुतिन मुलाकात से बदलाव की उम्मीद
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की बातचीत से व्यापारिक और सामरिक संबंधों में अहम बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है. इस मीटिंग में ट्रंप के टैरिफ युद्ध और रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा प्रमुख विषय हो सकते हैं. साथ ही यह मुलाकात इस साल के अंत में होने वाली पुतिन की संभावित भारत यात्रा का भी तय कर सकती है.
आतंकवाद का मुद्दा
भारत को उम्मीद है कि एससीओ के संयुक्त घोषणापत्र में सीमा पार आतंकवाद की कड़ी निंदा होगी. सकारात्मक संकेत यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात में आतंकवाद का मुद्दा उठाया और शी ने इसका समर्थन भी किया. अब यह देखना होगा कि क्या इस चर्चा का असर आज जारी होने वाले घोषणापत्र पर दिखेगा.
ट्रंप के टैरिफ की आलोचना
एससीओ सदस्य देशों का ध्यान इस बात पर भी रहेगा कि क्या संयुक्त घोषणापत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध की आलोचना की जाएगी. भारत-चीन और रूस सहित कई सदस्य देश पहले ही इस व्यापारिक तनाव से प्रभावित हो चुके हैं. ऐसे में घोषणापत्र की भाषा बेहद महत्वपूर्ण होगी.
गाजा मुद्दा और मुस्लिम देशों की भूमिका
इंडोनेशिया और मलेशिया के नेताओं की मौजूदगी के चलते संभावना है कि घोषणापत्र में गाजा में इजराइल की कार्रवाई की निंदा भी की जा सकती है. इससे पश्चिम एशिया के मुद्दों पर एससीओ की एकजुटता और स्पष्ट होगी.
पीएम मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 25वें एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे. विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार पीएम मोदी अपने संबोधन में एससीओ ढांचे के तहत क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करेंगे.


