UN में सिंधु जल संधि को लेकर भारत पर खूब गरजे शहबाज शरीफ, आतंकवाद पर एक शब्द नहीं बोले
Shahbaz Sharif: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के इंडस वाटर्स ट्रीटी को निलंबित करने के फैसले पर तीखी आपत्ति जताई. उन्होंने भारत पर इस संधि की शर्तों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया.

Pak PM Shahbaz Sharif: संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत की ओर से सिंधु जल संधि को स्थगित करने के निर्णय पर तीखी आपत्ति जताई. उन्होंने भारत पर संधि की शर्तों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए इस कदम को एकतरफा और अवैध बताया कि अपने पूरे भाषण के दौरान शरीफ ने पाकिस्तान से आतंकवाद फैलने के मसले पर कोई भी उल्लेख नहीं किया. जो भारत द्वारा संधि को स्थगित करने का मुख्य कारण बताया गया है. भारत का कहना है कि पाकिस्तान को पहले अपनी धरती से होने वाले सीमा-पार आतंकवाद पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए.
सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान की आपत्ति
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण के दौरान कहा कि भारत का सिंधु जल संधि को एकतरफा और अवैध रूप से स्थगित करना, संधि की शर्तों और अंतरराष्ट्रीय कानून दोनों का उल्लंघन है. पाकिस्तान यह स्पष्ट कर चुका है कि हम अपनी जनता के इन नदियों पर अपार अधिकार की रक्षा करेंगे. हमारे लिए इस संधि का कोई भी उल्लंघन युद्ध के कार्य के समान है. लेकिन भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह सिंधु जल संधि को तभी पुनः बहाल करेगा जब पाकिस्तान अपनी भूमि से संचालित हो रहे आतंकवादी गतिविधियों को पूरी तरह से समाप्त करे.
भारत का रुख और स्पष्ट संदेश
भारत का कहना है कि सिंधु जल संधि को स्थगित करने का निर्णय 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है. भारतीय अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तान सिंधु जल संधि का इस्तेमाल आतंकवाद से ध्यान भटकाने के लिए कर रहा है. एक अधिकारी ने कहा कि यह पाकिस्तान की हताशा का प्रतीक है कि वह संधि को बचाने की कोशिश कर रहा है लेकिन आतंकवाद पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है.
प्रधानमंत्री शरीफ ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे को भी उठाया और कहा कि मैं कश्मीरी लोगों को यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि मैं उनके साथ खड़ा हूं, पाकिस्तान उनके साथ है और बहुत जल्द भारत का अत्याचार कश्मीर में समाप्त होगा. उनका यह बयान भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और मुद्दों की जटिलता को और गहरा करता है जहां जल विवाद, आतंकवाद और कश्मीर—तीनों प्रमुख बिंदु बने हुए हैं.
भारत का कहना है कि उसने अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने संप्रभु अधिकार का प्रयोग करते हुए संधि को स्थगित किया है. जब तक पाकिस्तान यह साबित नहीं कर देता कि वह सीमा-पार आतंकवाद को पूरी तरह से समाप्त कर चुका है, तब तक भारत सिंधु जल संधि को पुनः प्रभावी नहीं करेगा. 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई यह संधि अब तक दोनों देशों के बीच कई युद्धों और तनाव के बावजूद कायम रही है. लेकिन भारत ने अब साफ कर दिया है कि आतंकवाद के समर्थन के चलते वह पुरानी स्थिति में लौटने को तैयार नहीं है.


