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Singapore elections 2025: सिंगापुर में फिर चला पीएपी का जादू, लगातार 14वीं बार मिली जीत

Singapore elections 2025: सिंगापुर में सत्तारूढ़ पीपल्स एक्शन पार्टी (PAP) ने एक बार फिर इतिहास रचते हुए लगातार 14वीं बार आम चुनाव में जीत दर्ज की है. इस जीत के साथ पार्टी ने छह दशकों से चली आ रही अपनी सत्ता को और मजबूत किया है, जबकि विपक्ष को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Singapore elections 2025: सिंगापुर की सत्तारूढ़ पीपल्स एक्शन पार्टी (PAP) ने एक बार फिर अपना अपराजेय विजय रथ आगे बढ़ाते हुए लगातार 14वीं बार आम चुनाव में जीत दर्ज की है. इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही पीएपी ने छह दशकों से चली आ रही अपनी सत्ता को बरकरार रखा है. चुनाव परिणामों में विपक्ष को गहरी निराशा हाथ लगी, जो पिछले चुनावों में मिली बढ़त को इस बार दोहरा नहीं पाया.

शनिवार को हुए आम चुनाव में प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग को जनता ने प्रचंड समर्थन दिया. उनकी अगुवाई में पीएपी ने 97 में से 87 संसदीय सीटें जीत लीं. 33 निर्वाचन क्षेत्रों में से 18 में पार्टी को दो-तिहाई से अधिक वोट मिले. यह परिणाम ऐसे समय में आए हैं जब देश वैश्विक व्यापार युद्ध और संभावित आर्थिक मंदी जैसे गंभीर संकटों से जूझ रहा है.

लॉरेंस वोंग को मिला प्रचंड जनादेश

पीएपी की यह जीत प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, जो पिछले वर्ष ही देश के चौथे प्रधानमंत्री बने थे. अमेरिका में शिक्षित 52 वर्षीय वोंग ने पदभार संभालने के बाद "नवाचार और नेतृत्व में ताजगी" का वादा किया था. 2020 के पिछले चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन में गिरावट देखी गई थी, लेकिन इस बार वोंग के नेतृत्व में पार्टी ने 65.57 प्रतिशत वोट हासिल कर न केवल पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन किया, बल्कि खुद को फिर से मजबूत स्थिति में स्थापित किया. वोंग ने अपने मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए कहा, "हम एक बार फिर आपके मजबूत समर्थन के लिए आभारी हैं, और हम इस जनादेश का सम्मान करेंगे."

विपक्ष को भारी झटका

जहां एक ओर पीएपी ने एक के बाद एक सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं विपक्ष पूरी तरह से पस्त नजर आया. विपक्षी वर्कर्स पार्टी सिर्फ 10 सीटें जीत सकी, जबकि बाकी सभी सीटों पर पीएपी का कब्जा रहा. विपक्ष को उम्मीद थी कि वह पिछली बार की तरह इस बार भी कुछ मजबूत क्षेत्रों में पकड़ बनाए रखेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

विश्लेषकों के अनुसार, यह चुनाव जनता के उस मूड को दर्शाता है जिसमें उन्होंने "स्थिरता और निरंतरता" को प्राथमिकता दी. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के वरिष्ठ व्याख्याता मुस्तफा इज्जुद्दीन ने कहा, "मतदाताओं ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वे स्थायित्व, निरंतरता और निश्चितता के पक्ष में हैं – और उन्होंने प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग को मजबूत जनादेश दिया है."

सत्ता पर पीएपी की पकड़ और संसाधनों की ताकत

इस चुनाव में कुल उम्मीदवारों में 46 प्रतिशत सिर्फ पीएपी के थे, जबकि विपक्ष के पास सीमित संसाधन और कम सदस्यता थी. पीएपी की व्यापक सदस्यता, संस्थागत प्रभाव और मजबूत आर्थिक संसाधन उसे हर चुनाव में एक बढ़त दिलाते हैं.

काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के सीनियर फेलो जोशुआ कर्लांटज़िक के अनुसार, "यह एक तरह से 'फ्लाइट टू सेफ्टी' (सुरक्षित विकल्प की ओर झुकाव) है मतदाता ऐसे समय में नया प्रयोग नहीं करना चाहते जब वैश्विक स्तर पर व्यापार संकट और आर्थिक अनिश्चितता है."

बड़ी आर्थिक चुनौतियों से निपटना होगा

प्रधानमंत्री वोंग को आगे चलकर कई गंभीर घरेलू और वैश्विक चुनौतियों का सामना करना होगा. सिंगापुर, जो दुनिया के सबसे महंगे शहरों में से एक है, वहां रहने की लागत और मकानों की कमी जैसी समस्याएं लंबे समय से बनी हुई हैं. इसके साथ ही, अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ के कारण वैश्विक व्यापार युद्ध की स्थिति में देश के व्यापार-निर्भर अर्थतंत्र पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है.

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04 May 2025, 09:50 AM IST

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