7 देशों का समर्थन...गाजा पीस प्लान से नोबेल की दौड़ में शामिल या अधूरा रह जाएगा ट्रंप का सपना
Trump Nobel Peace Prize 2025 : डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना को इजराइल, कतर और कई मुस्लिम देशों का समर्थन मिला है. योजना में संघर्ष विराम, बंधकों की रिहाई और गाजा में प्रशासनिक बदलाव शामिल हैं. ट्रंप की मध्यस्थता से नेतन्याहू और कतर के बीच सुलह हुई. पाकिस्तान समेत कई देशों ने उनकी पहल की सराहना की है. यदि यह योजना सफल होती है, तो ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार के प्रबल दावेदार बन सकते हैं.

Trump Nobel Peace Prize 2025 : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक राजनीति के केंद्र में जगह बना ली है, इस बार गाजा के लिए प्रस्तुत उनकी शांति योजना को लेकर. इस बहुप्रतीक्षित योजना को इज़राइल, कतर और कई अरब देशों का समर्थन मिल चुका है. यदि यह योजना ज़मीनी स्तर पर लागू होती है, तो यह न सिर्फ मध्य पूर्व की कूटनीति की दशा और दिशा को पूरी तरह बदल सकती है, बल्कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिलाने का रास्ता भी खोल सकती है, जिसकी उन्हें लंबे समय से चाह रही है.
नार्वे की वित्त मंत्री से नोबेल पुरस्कार पर की चर्चा
योजना के प्रमुख बिंदु और समर्थन
ट्रंप की शांति योजना में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 72 घंटों के भीतर सभी बंधकों को रिहा किया जाएगा और गाजा क्षेत्र को "आतंक-मुक्त क्षेत्र" घोषित किया जाएगा. इसके साथ ही, कुछ आतंकियों को छूट देने की बात भी योजना में शामिल है, ताकि शांति की दिशा में ठोस पहल की जा सके. यूएई, सऊदी अरब, कतर, मिस्र, जॉर्डन, तुर्की, इंडोनेशिया और पाकिस्तान सहित कई इस्लामी देशों ने संयुक्त बयान जारी कर ट्रंप की भूमिका की सराहना की है. यह उनके पक्ष में एक बड़ा कूटनीतिक समर्थन है.
ऐतिहासिक संदर्भ और नोबेल की दावेदारी
ट्रंप की नोबेल पुरस्कार की दावेदारी कोई नई बात नहीं है. अब्राहम समझौते के दौरान भी उन्होंने पहली बार इसे लेकर खुलकर इच्छा जाहिर की थी. अब, जब गाजा संकट के समाधान की ओर एक ठोस प्रयास किया जा रहा है, तो विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर यह योजना सफल होती है और गाजा में स्थायी शांति स्थापित होती है, तो ट्रंप वास्तव में नोबेल शांति पुरस्कार के योग्य उम्मीदवार बन सकते हैं.
गाजा शांति योजना, ट्रंप के कूटनीतिक कौशल, वैश्विक समर्थन और मध्य पूर्व में शांति की आवश्यकता को दर्शाती है. यदि यह योजना ज़मीन पर साकार होती है, तो ट्रंप न केवल इतिहास में एक शांति निर्माता के रूप में दर्ज हो सकते हैं, बल्कि नोबेल शांति पुरस्कार भी उनके राजनीतिक करियर का महत्वपूर्ण मोड़ बन सकता है. यह पहल दुनिया के लिए आशा की किरण है और एक बार फिर साबित करता है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति, संवाद और रणनीति से युद्ध नहीं, शांति भी जीती जा सकती है.


