भारत ने पाक का आरोप खारिज किया, वजीरिस्तान हमले से कोई लेना-देना नहीं: MEA
भारत ने उत्तरी वजीरिस्तान में आत्मघाती हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने के पाकिस्तान के दावे को खारिज किया. विदेश मंत्रालय ने इसे "अवमानना योग्य" बताया. हमले में 16 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे. जिम्मेदारी तालिबान गुट ने ली, बावजूद इसके पाक सेना ने भारत पर आरोप लगाया.

भारत ने रविवार को पाकिस्तान के उस आरोप को सख्ती से खारिज कर दिया जिसमें उत्तरी वजीरिस्तान में हुए आत्मघाती हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया गया था. विदेश मंत्रालय (MEA) ने पाकिस्तान सेना के बयान को “अवमानना के योग्य” बताते हुए स्पष्ट किया कि भारत का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है और यह बयान पूरी तरह से निराधार तथा गुमराह करने वाला है.
विदेश मंत्रालय ने सुबह-सुबह जारी बयान में कहा, “हमने पाकिस्तानी सेना का आधिकारिक बयान देखा है जिसमें 28 जून को वजीरिस्तान में हुए हमले के लिए भारत को दोषी ठहराया गया है. हम इस बयान को पूरी तरह से खारिज करते हैं.” मंत्रालय ने इसे पाकिस्तान की एक और नापाक कोशिश करार दिया, जिसमें वह अपनी आंतरिक विफलताओं को छिपाने के लिए भारत को दोषी ठहराता है.
वजीरिस्तान में आत्मघाती हमला, 16 सैनिकों की मौत
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के अशांत उत्तरी वजीरिस्तान जिले में शनिवार को एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी गाड़ी को पाकिस्तानी सैन्य काफिले में घुसा दिया. इस हमले में कम से कम 16 सैनिक मारे गए और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए. मरने वालों की संख्या पहले 13 बताई गई थी, लेकिन बाद में यह बढ़कर 16 हो गई.
तालिबान गुट ने ली जिम्मेदारी, फिर भी भारत पर आरोप
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान तालिबान के एक प्रमुख गुट — हाफिज गुल बहादुर समूह — की आत्मघाती शाखा ने ली है. बावजूद इसके, पाकिस्तानी सेना और इस्लामाबाद स्थित अधिकारियों ने विदेशी हाथ की बात उठाते हुए अप्रत्यक्ष रूप से भारत पर आरोप लगाया. नई दिल्ली ने इन आरोपों को “दुर्भावनापूर्ण और बेबुनियाद” बताया है.
हमले से नागरिकों को भी नुकसान
स्थानीय पुलिस अधिकारियों के मुताबिक विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आसपास के दो घरों की छतें ढह गईं, जिससे छह बच्चे घायल हो गए. घटनास्थल पर तबाही का मंजर था और आसपास के लोग दहशत में आ गए.
पाकिस्तान की रणनीति पर सवाल
विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान, खासकर उसकी सेना, अक्सर अपनी आंतरिक सुरक्षा विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने की रणनीति अपनाती है. हाफिज गुल बहादुर समूह जैसे संगठनों की सक्रियता और जिम्मेदारी स्वीकारने के बावजूद भारत पर उंगली उठाना इस्लामाबाद की राजनीतिक नीयत पर सवाल खड़े करता है. भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान के इस “सस्ती साजिश” वाले दावे को सिरे से खारिज करता है और उम्मीद करता है कि इस्लामाबाद अपनी ज़मीन पर मौजूद आतंकियों से निपटने पर ध्यान दे, न कि दूसरों को दोष देने पर.


