score Card

बम, बारूद और ताबूतों के साए में रोता ईरान, सिसकता इजरायल...जंग के नौवें दिन मातम ही मातम

ईरान और इजरायल की जंग ने इंसानियत को ऐसा घाव दिया है, जिसकी टीस हर ताबूत से महसूस की जा सकती है. ईरान के माजंदरान और सारी जैसे शहरों में ताबूतों की कतारें हैं, सड़कों पर मातम पसरा है, और आसमान में बारूद की गंध तैर रही है. दूसरी ओर इजरायल के शहर होलोन में भी अंतिम विदाई के दृश्य उतने ही दिल दहला देने वाले हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

ईरान और इजरायल के बीच जारी खूनी संघर्ष ने आम लोगों की ज़िंदगी को नरक बना दिया है. एक तरफ ईरान के माजंदरान प्रांत की सड़कों पर जनाजों का तांता लगा है, तो दूसरी ओर इजरायल के होलोन में भी शोक की लहर दौड़ गई है. युद्ध के नौवें दिन तक दोनों देशों ने अपने सैकड़ों नागरिकों को खो दिया है. बारूद की गंध, ताबूतों की कतार और आंसुओं से भीगी आंखें इस बात की गवाही दे रही हैं कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं.

इस संघर्ष में अब तक ईरान के 639 और इजरायल के 24 नागरिक अपनी जान गंवा चुके हैं। एक तरफ जहां ईरानी सड़कों पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ उमड़ रही है, वहीं दूसरी ओर इजरायली गलियों में खामोशी पसरी हुई है, लेकिन आंखें वहां भी नम हैं। चाहे धर्म अलग हो या भाषा, दोनों मुल्कों के ताबूत एक ही संदेश दे रहे हैं युद्ध नहीं, शांति चाहिए.

माजंदरान की गलियों में मातम

उत्तर ईरान के खूबसूरत शहर 'सारी' की सड़कों पर इन दिनों सन्नाटा पसरा है। यहां न रंग है, न रौनक — बस हर रोज जनाजों की कतारें निकल रही हैं। इजरायल की मिसाइल और ड्रोन हमलों में मारे गए लोगों को सम्मान के साथ विदा किया जा रहा है। महिलाएं ताबूतों को छूकर सलाम करती हैं, बच्चे और बुजुर्ग बिलखते हैं, और पूरे शहर की फिजा मातम से भर गई है.

शहीदों को आखिरी सलाम

सारी शहर की एक एक गली में लोग इस उम्मीद से उमड़े हैं कि शायद आखिरी बार अपने किसी ‘शहीद’ को कंधा दे पाएं। काले हिजाब में लिपटीं महिलाएं, सफेद पगड़ियों में पुरुष, सब अपने गम और गुस्से के साथ सड़कों पर हैं। वे इजरायल के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रहे हैं.

इजरायल की गलियों में खामोशी

दूसरी ओर, इजरायल के होलोन शहर में एक मृतक को अंतिम विदाई देने के लिए एक अधेड़ व्यक्ति अकेले शव लेकर यहूदी संस्कार स्थल पहुंचता है। यहां भी आंसू बह रहे हैं, श्रद्धांजलि दी जा रही है और प्रार्थनाएं की जा रही हैं। फर्क बस इतना है कि यहां भीड़ नहीं, खामोशी है.

ताबूत कह रहे हैं- 'युद्ध नहीं, समाधान चाहिए'

ईरान की सड़कों पर उठते जनाजे और इजरायल के सुनसान गलियारों में बहते आंसू एक ही बात दोहरा रहे हैं—यह जंग सिर्फ जिंदगी छीन रही है, कोई समाधान नहीं दे रही। हर ताबूत चीख-चीखकर दुनिया से कह रहा है कि मिसाइलों की नहीं, बातचीत की जरूरत है.

नौवें दिन भी जंग जारी

यह युद्ध आज अपने नौवें दिन में प्रवेश कर चुका है और हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। दोनों देशों में लगातार हमलों और जवाबी कार्रवाई का सिलसिला जारी है। अब तक ईरान और इजरायल के बीच कोई ठोस शांति प्रयास शुरू नहीं हुए हैं.
 

calender
21 June 2025, 04:41 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag