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पाकिस्तान को नहीं मिलेगा एक बूंद भी पानी! सिंधु जल संधि पर अमित शाह का बड़ा ऐलान

भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों पुरानी सिंधु जल संधि अब इतिहास बनने की कगार पर है.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ शब्दों में कहा है कि यह संधि अब कभी बहाल नहीं की जाएगी.शाह ने दो टूक कहा कि अब वह पानी, जो अब तक पाकिस्तान को "अनुचित रूप से" मिल रहा था, राजस्थान जैसे जल संकट झेल रहे राज्यों को मिलेगा.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 64 साल पुरानी सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) अब बहाल नहीं होगी. उन्होंने कहा कि भारत अब इस जल का उपयोग अपने हित में करेगा और एक नई नहर बनाकर उस पानी को राजस्थान तक पहुंचाया जाएगा. गृह मंत्री का यह बयान पाकिस्तान की बार-बार की अपीलों और आपत्तियों के बीच आया है, जिसमें इस संधि को फिर से लागू करने की मांग की गई थी.

शाह ने यह बयान एक इंटरव्यू के दौरान दिया जिसमें उनसे पूछा गया कि क्या भारत भविष्य में सिंधु जल संधि को बहाल करेगा. इस पर उन्होंने कहा, "नहीं, इसे कभी बहाल नहीं किया जाएगा." इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को भी साफ संदेश देते हुए कहा कि, "जो पानी अब तक पाकिस्तान को अनुचित रूप से मिल रहा था, उसे अब राजस्थान लाया जाएगा."

क्या है सिंधु जल संधि?

साल 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर हुए थे. इसके तहत भारत और पाकिस्तान को सिंधु नदी प्रणाली की कुछ नदियों पर विशेषाधिकार मिले थे. भारत को पूर्व की तीन नदियों – रावी, व्यास और सतलज – और पाकिस्तान को पश्चिम की तीन नदियों – सिंधु, झेलम और चिनाब – के जल उपयोग का अधिकार मिला था.

पहलगाम हमले के बाद संधि को किया गया था निलंबित

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी. इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठाते हुए संधि को "अस्थायी रूप से निलंबित" कर दिया था. भारत ने साफ कर दिया कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करता रहेगा, तब तक इस संधि पर पुनर्विचार नहीं किया जाएगा.

पाकिस्तान की अपील और भारत का ठोस रुख

पाकिस्तान ने अप्रैल के बाद से अब तक चार बार भारत को पत्र लिखे हैं. पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तज़ा ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को बार-बार संधि बहाल करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि भारत का यह कदम संधि की शर्तों का उल्लंघन है और इसे एकतरफा रूप से निलंबित नहीं किया जा सकता.

लेकिन गृह मंत्री अमित शाह का बयान यह स्पष्ट करता है कि भारत इस बार पीछे हटने के मूड में नहीं है. उन्होंने न केवल संधि को नकारा, बल्कि इस पानी को राजस्थान जैसे जल संकट झेल रहे राज्यों में उपयोग करने की योजना का भी खुलासा किया.

“पाकिस्तान को मिलेगा सबक” - अमित शाह

अमित शाह ने आगे कहा, “हम वो पानी जो अब तक पाकिस्तान को मिल रहा था, उसे अब अपने उपयोग में लाएंगे. एक बड़ी नहर बनाकर उसे राजस्थान तक पहुंचाया जाएगा. पाकिस्तान को अब वो पानी नहीं मिलेगा, जो उसे अनुचित रूप से मिल रहा था.”

क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय कानून?

पाकिस्तान का कहना है कि यह फैसला संधि का उल्लंघन है. लेकिन भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह स्थिति पहले भी स्पष्ट की है कि किसी भी समझौते का पालन तभी तक किया जाएगा, जब तक दोनों पक्षों का व्यवहार पारस्परिक रूप से जिम्मेदार हो. भारत का यह रुख अब राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जोड़ा जा रहा है.

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21 June 2025, 04:21 PM IST

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