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भारत-पाक युद्ध में हुई सबसे बड़ी भूल, जब एक CM की चली गई जान, 46 साल बाद मांगी माफी

1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान के फाइटर पायलट कैश हुसैन ने एक सिविलियन विमान को दुश्मन समझकर मार गिराया, जिसमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता सवार थे.यह हादसा 19 सितंबर को हुआ था.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में हुए युद्ध के दौरान एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी, जब पाकिस्तान के एक फाइटर पायलट ने भारतीय सीमा में उड़ रहे एक सिविलियन विमान को दुश्मन का समझकर मार गिराया था. इस विमान में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता सवार थे, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई. इस दुखद घटना को अंजाम देने वाले पायलट ने 46 साल बाद इस गलती के लिए मुख्यमंत्री की बेटी से माफी मांगी थी.

यह घटना उस समय की है जब भारत-पाकिस्तान के बीच जंग अपने चरम पर थी. पाकिस्तान की तरफ से कई बार घुसपैठ की कोशिशें हो चुकी थीं, और भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए अलर्ट मोड में था. इसी दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के विमान को दुश्मन का बताकर मार गिराया गया.

1965 युद्ध में हुआ बड़ा हादसा

17 दिन चले 1965 के युद्ध में 19 सितंबर का दिन खासा दुखद साबित हुआ. गुजरात के मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता एक रैली में हिस्सा लेने के बाद अहमदाबाद एयरपोर्ट से एक छोटे प्लेन में रवाना हुए थे. दोपहर 3 बजे उन्हें मीठापुर पहुंचना था, लेकिन इससे पहले ही हादसा हो गया.

पाकिस्तानी फाइटर पायलट कैश हुसैन का हमला

पाकिस्तान एयरफोर्स के फ्लाइंग ऑफिसर कैश हुसैन को ग्राउंड कंट्रोल से सूचना मिली कि एक अनजान विमान पाकिस्तानी सीमा के पास उड़ रहा है. आदेश मिलने पर उन्होंने तुरंत हमला किया. उनके हमले में पहले विमान का बायां पंख टूटा, फिर दायां और देखते ही देखते प्लेन जमीन पर गिर गया.

सिविलियन विमान पर हमला क्यों?

जब कैश हुसैन वापस लौटे और ग्राउंड कंट्रोल से पूछा कि सिविलियन एयरक्राफ्ट पर हमला क्यों कराया गया, तो जवाब मिला कि उसे भारतीय सेना का निगरानी विमान समझा गया था. हकीकत में वह एक आम फ्लाइट थी, जिसमें मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता सफर कर रहे थे.

शाम को हुआ बड़ा खुलासा

शाम 7 बजे ऑल इंडिया रेडियो से जब इस खबर की पुष्टि हुई कि हमले में गुजरात के मुख्यमंत्री मारे गए हैं, तो कैश हुसैन को अपनी गलती का एहसास हुआ. उस समय वह खुद को गर्व से भरपूर महसूस कर रहे थे कि उन्होंने दुश्मन का विमान गिराया, लेकिन असलियत सामने आते ही उनकी भावनाएं बदल गईं.

46 साल बाद आया पश्चाताप

कैश हुसैन ने इस दर्दनाक घटना के लिए 5 अगस्त 2011 को एक ईमेल के जरिए बलवंत राय मेहता की बेटी फरीदा सिंह से माफी मांगी. उन्होंने लिखा कि वह सिर्फ ड्यूटी निभा रहे थे, लेकिन उन्हें इस हादसे का गहरा अफसोस है.

युद्ध के बीच एक मानवीय भूल

यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि युद्ध के दौरान हुई एक मानवीय भूल थी, जिसने एक राज्य को उसका मुख्यमंत्री और एक परिवार को उसका सिरमौर छीन लिया. और यह दिखाता है कि जंग के मैदान में कभी-कभी निर्दोष भी शिकार बन जाते हैं.

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02 May 2025, 01:11 PM IST

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