लादेन से भी बड़ी कार्रवाई होगी...पाकिस्तान को अमेरिका का कड़ा संदेश, कहा- अब बचना मुश्किल
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तेजी से बढ़ गया है. इस बीच अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने बड़ा बयान देते हुए पाकिस्तान को साफ चेतावनी दी है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है. इसी बीच अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का एक सख्त बयान सामने आया है, जिसने अंतरराष्ट्रीय मंच पर हलचल मचा दी है. वेंस ने न केवल आतंकियों के खात्मे की बात कही, बल्कि संकेत दिए हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका जैसी कार्रवाई हो सकती है, जैसी ओसामा बिन लादेन के खिलाफ की गई थी.
अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने साफ कहा है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने भारत से आग्रह किया है कि वह पाकिस्तान के साथ पूर्ण युद्ध से बचे, लेकिन आतंक के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई जरूर करे. उनके मुताबिक, अब वक्त आ गया है कि पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों को उन्हीं की जमीन पर खत्म किया जाए.
पहलगाम हमले के बाद अमेरिका का कड़ा रुख
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी. इस हमले की ज़िम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन पर बताई जा रही है. अमेरिका ने इस हमले को बेहद गंभीरता से लिया है और पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष चेतावनी दे दी है कि अगर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो भारत खुद कार्रवाई करने को स्वतंत्र है.
"लादेन से भी बड़ी कार्रवाई होगी"
उपराष्ट्रपति वेंस ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान के भीतर मौजूद आतंकियों को खोजकर भारत को खत्म करना चाहिए. यह कार्रवाई लादेन के मारे जाने से भी बड़ी साबित होगी. इस बयान का सीधा संकेत है कि अमेरिका भारत को आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की खुली छूट दे रहा है.
भारत के पास मौजूद विकल्प
1. सीमापार जाकर टारगेटेड ऑपरेशन: जैसे अमेरिका ने लादेन को मारा, वैसा ही ऑपरेशन भारत की स्पेशल फोर्सेज भी अंजाम दे सकती हैं- पाकिस्तान की जानकारी के बिना, सटीक लक्ष्य साधकर.
2. स्मार्ट ड्रोन अटैक: इज़राइल की तर्ज पर भारत स्मार्ट ड्रोन से आतंकी ठिकानों को निशाना बना सकता है. इस ऑपरेशन को सरकार चाहे तो गुप्त भी रख सकती है.
3. स्थानीय नेटवर्क का इस्तेमाल: भारत पाकिस्तान के भीतर मौजूद एंटी-आतंकी नेटवर्क को सक्रिय कर सकता है, ताकि खुद प्रत्यक्ष युद्ध में शामिल हुए बिना आतंकियों का सफाया हो सके.
4. टेक्नोलॉजी से आतंकियों की ट्रैकिंग: कॉल इंटरसेप्ट्स, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और लाइव लोकेशन ट्रैकिंग से आतंकियों के मूवमेंट को पकड़कर हाई-प्रिसीजन हमले किए जा सकते हैं.
5. सर्जिकल स्ट्राइक + डिप्लोमैटिक प्रेशर: एक तरफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को घेरा जाए, वहीं दूसरी ओर सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंक के नेटवर्क को जड़ से उखाड़ा जाए- बिना कोई सबूत छोड़े.
युद्ध नहीं, लेकिन आतंक का अंत
वेंस ने यह भी कहा कि अमेरिका नहीं चाहता कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी जंग हो, क्योंकि इससे पूरे दक्षिण एशिया में अस्थिरता फैल सकती है. लेकिन उन्होंने आतंक के खिलाफ भारत के कदमों को पूरी तरह से जायज ठहराया और हरसंभव समर्थन का आश्वासन दिया.


