score Card

घर जलाया गया, दी गई धमकी...दीपूचंद्र दास के बाद बांग्लादेश में एक और हिंदू परिवार पर हमला

बांग्लादेश के चटोग्राम में हिंदू परिवार के घर में आगजनी और धमकी भरे बैनर मिलने से दहशत फैली. यह घटना दीपू दास हत्याकांड के बाद हुई. भारत में विरोध तेज हुआ, जिससे भारत-बांग्लादेश संबंधों पर असर पड़ा.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा और धमकियों की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामला चटोग्राम से सामने आया है, जहां असामाजिक तत्वों ने एक हिंदू परिवार के घर को निशाना बनाते हुए आगजनी की. इस हमले में न सिर्फ घर को जलाकर राख कर दिया गया, बल्कि परिवार के पालतू जानवरों को भी जिंदा जला दिया गया. इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है.

घर जलाया, जान बचाकर भागा परिवार

यह घटना चटोग्राम में प्रवासी जयंती संघा और बाबू शुकुशील के घर पर हुई. स्थानीय लोगों के अनुसार, हमलावरों ने अचानक घर में आग लगा दी. सौभाग्य से, परिवार के सभी सदस्य बाड़ काटकर किसी तरह मौके से भागने में सफल रहे और अपनी जान बचा ली. हालांकि, घर में रखा सारा सामान जलकर नष्ट हो गया और पालतू जानवरों की दर्दनाक मौत हो गई. पीड़ित परिवार का कहना है कि वे अब अपने ही इलाके में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

धमकी भरा बैनर मिला घटनास्थल के पास

हमले के बाद घटनास्थल के पास एक हाथ से लिखा धमकी भरा बैनर भी मिला, जिसने मामले को और गंभीर बना दिया. बैनर में हिंदू समुदाय को सीधे तौर पर चेतावनी दी गई थी कि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. इसमें आरोप लगाया गया कि हिंदू समुदाय के लोग इस्लाम और मुस्लिम समाज के खिलाफ गतिविधियों में शामिल हैं. संदेश में साफ कहा गया कि वे अपनी आवाजाही, बैठकों और सामाजिक गतिविधियों को तुरंत बंद करें, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

‘आखिरी चेतावनी’ के जरिए डराने की कोशिश

बैनर में आगे लिखा गया था कि यदि निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो हिंदुओं के घर, संपत्ति और व्यवसायों को नष्ट कर दिया जाएगा और कोई भी उनकी रक्षा नहीं कर पाएगा. इसे “अंतिम चेतावनी” बताते हुए किसी भी तरह के विरोध पर कठोर कार्रवाई की धमकी दी गई. इस तरह की खुली धमकियों से इलाके में रहने वाले अन्य हिंदू परिवारों में भी भय व्याप्त है.

दीपू चंद्र दास हत्याकांड से जुड़ा माहौल

यह घटना मैमनसिंह जिले में हुए दीपू चंद्र दास हत्याकांड के कुछ ही दिनों बाद सामने आई है. दीपू दास एक युवा कपड़ा कारखाना कर्मचारी थे, जिन पर कथित तौर पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था. आरोप है कि 16 दिसंबर की रात उनके पर्यवेक्षकों ने उनसे जबरन इस्तीफा दिलवाया और फिर उन्हें उग्र भीड़ के हवाले कर दिया. भीड़ ने बेरहमी से पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी, बाद में शव को लटकाकर आग लगा दी गई. इस घटना में उनके कुछ सहकर्मियों की भूमिका भी सामने आई थी.

कट्टरपंथी नेता की मौत से बढ़ा तनाव

इसी बीच, कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी की सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत के बाद हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं. हादी पर पहले जानलेवा हमला हुआ था, जिसमें उन्हें सिर में गोली लगी थी. वह भारत-विरोधी और शेख हसीना-विरोधी बयानों के लिए जाने जाते थे. उनकी मौत के बाद कट्टरपंथी तत्वों के सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है.

भारत में विरोध

दीपू दास की हत्या और हिंदू समुदाय पर हमलों को लेकर भारत में भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली. दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर जोरदार प्रदर्शन हुए. इन घटनाओं ने भारत और बांग्लादेश के बीच पहले से ही संवेदनशील कूटनीतिक संबंधों को और प्रभावित किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हालात पर जल्द काबू नहीं पाया गया, तो इसका असर दोनों देशों के रिश्तों पर लंबे समय तक पड़ सकता है.

calender
23 December 2025, 03:31 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag