दो वक्त की रोटी को तरस रही पाकिस्तान की अवाम, 140 रुपये किलो पहुंची कीमत...जानिए क्या है वजह
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत ने गेहूं की आवाजाही पर अघोषित प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे देशभर में आटे की कमी और कीमतों में भारी वृद्धि हो गई है. खैबर पख्तूनख्वा और सिंध ने इसे असंवैधानिक बताया है, जबकि पंजाब ने इसे महज निगरानी उपाय बताया. इससे गरीबों की थाली से रोटी गायब होने लगी है और पूरे देश में खाद्य संकट गहरा गया है.

Flour Crisis in Pakistan : पाकिस्तान में पंजाब प्रांत द्वारा गेहूं की आवाजाही पर अघोषित प्रतिबंध लगाने से देशभर में आटे का संकट गहरा गया है. पंजाब, जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य है, ने इस कदम से आटे की भारी कमी पैदा कर दी है, जिससे अन्य सूबों में आटे की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. पंजाब का यह कदम इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया कि गेहूं का 80 प्रतिशत उत्पादन पंजाब में होता है, और जब वहां की आपूर्ति प्रभावित होती है, तो अन्य क्षेत्रों में भी असर पड़ता है.
पंजाब सरकार ने दी ये सफाई
पाकिस्तान के अन्य प्रांतों की प्रतिक्रिया
खैबर पख्तूनख्वा और सिंध जैसे प्रांतों ने इस अघोषित प्रतिबंध की कड़ी निंदा की है. इन दोनों प्रांतों को पंजाब से गेहूं की आपूर्ति पर निर्भरता है और इस आपूर्ति में रुकावट से उनके यहां आटे की कीमतों में भारी वृद्धि हो गई है. खैबर पख्तूनख्वा में 20 किलो आटे की बोरी की कीमत 2,800 पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गई है, जबकि पंजाब में यही बोरी लगभग 1,800 रुपये की मिल रही थी.
गवर्नर ने बताया राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा
खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर फैसल करीम कुंदी ने इसे संविधान के अनुच्छेद 151 का उल्लंघन और राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा बताया. इसके अलावा, खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा ने भी इस प्रतिबंध का विरोध करते हुए एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया, जिसमें आटे की कीमतों में 68 प्रतिशत की बढ़ोतरी का आरोप लगाया गया.
व्यापार और वाणिज्य की स्वतंत्रता को नुकसान
पाकिस्तान के अन्य प्रांतों के अनुसार, यह कदम देश में व्यापार और वाणिज्य की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचा रहा है. ऑल-पाकिस्तान फ्लोर मिल्स एसोसिएशन (पीएफएमए) ने इसे असंवैधानिक बताया है, और इस पर विशेष ध्यान दिया है कि यह नीति पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 151 का उल्लंघन करती है, जो देशभर में मुक्त व्यापार की गारंटी देता है.
गरीबों के लिए दो वक्त की रोटी भी मुश्किल
यह हालात ऐसे समय में उत्पन्न हुए हैं, जब पाकिस्तान में आर्थिक संकट और महंगाई पहले ही चरम पर है. गरीबों की हालत तो इतनी गंभीर हो गई है कि उनके लिए दो वक्त की रोटी भी मुश्किल हो गई है. यह कदम देशभर के लोगों के लिए नई समस्याएं पैदा कर रहा है, और इससे सामाजिक असंतोष भी बढ़ने की संभावना है.
खतरे में पाकिस्तान की खाद्ध सुरक्षा
पंजाब का यह कदम न केवल गेहूं की आपूर्ति को प्रभावित कर रहा है, बल्कि पूरे पाकिस्तान की खाद्य सुरक्षा के लिए भी खतरे का कारण बन गया है. इन परिस्थितियों में, पाकिस्तान के विभिन्न प्रांतों के बीच बढ़ती तनातनी और आटे की बढ़ती कीमतें देश के आंतरिक राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता को और भी मुश्किल बना सकती हैं.


