ब्राजील की कुरितिबा में खुली दुनिया की सबसे बड़ी 'मच्छर फैक्ट्री', डेंगू जैसी बीमारियों से लड़ाई लड़ने का नया तरीका
Brazil Mosquito Factory: ब्राजील ने एक अनोखा कदम उठाया है कि दुनिया की सबसे बड़ी 'मच्छर फैक्ट्री' अब कुरितिबा में शुरू हो चुकी है, जो खास वोल्बैकिया बैक्टीरिया से लैस मच्छर तैयार करती है. ये सुपर मच्छर डेंगू, जिका और चिकनगुनिया जैसे खतरनाक रोगों को रोकने में सक्षम हैं. हर हफ्ते यह फैक्ट्री 10 करोड़ अंडे पैदा करेगी, जो 1.4 करोड़ लोगों को इन बीमारियों से बचाने में मदद करेंगे.

Brazil Mosquito Factory: ब्राजील के कुरितिबा शहर में हाल ही में एक अनोखी और अत्याधुनिक 'मच्छर बायोफैक्ट्री' की शुरुआत हुई है जो डेंगू, जिका और चिकनगुनिया जैसी घातक बीमारियों से लड़ने के लिए वोल्बैकिया बैक्टीरिया से संक्रमित मच्छरों का उत्पादन करती है. यह कारखाना हर हफ्ते करोड़ों 'अच्छे' मच्छर तैयार करता है जो खतरनाक वायरस को फैलने से रोकते हैं. इस पहल से 1.4 करोड़ से अधिक लोगों की जान बचाई जाएगी और यह साबित होगा कि कैसे दुश्मन को ही दोस्त बनाकर बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है.
डेंगू जैसी बीमारियों से निपटना अब तक एक बड़ी चुनौती रही है, खासकर ब्राजील जैसे देशों में जहां मच्छर रोगों का प्रकोप बहुत अधिक होता है. पारंपरिक कीटनाशकों के प्रभावी न होने के कारण, ब्राजील ने अब जैव-तकनीक की मदद से मच्छर नियंत्रण में नई क्रांति ला दी है. तो आइए जानते हैं इस क्रांतिकारी मच्छर फैक्ट्री के बारे में विस्तार से.
ब्राजील में क्यों खुली मच्छर फैक्ट्री?
डेंगू को आमतौर पर 'हड्डी तोड़ बुखार' कहा जाता है क्योंकि यह शरीर के हर हिस्से में दर्द करता है जो हड्डियां टूटने जैसा महसूस कराता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार हर साल करोड़ों लोग डेंगू से प्रभावित होते हैं. ब्राजील में 2024 सबसे बुरा साल साबित हुआ जब 65 लाख से अधिक मामले सामने आए और 6297 लोगों की मौत हुई. डेंगू का फैलाव Aedes aegypti नामक मच्छर के जरिए होता है. पारंपरिक तरीके जैसे कीटनाशक और स्प्रे से इस समस्या को नियंत्रित करना मुश्किल साबित हुआ. इसलिए 2014 में वर्ल्ड मॉस्किटो प्रोग्राम (WMP) ने वोल्बैकिया बैक्टीरिया आधारित तरीका शुरू किया. वोल्बैकिया एक प्राकृतिक बैक्टीरिया है जो 60% से अधिक कीड़ों में पाया जाता है और यह मच्छरों के अंदर वायरस के विकास को रोकता है.
मच्छर कैसे बनते हैं और काम करते हैं?
फैक्ट्री में मच्छरों के अंडों को लैब में वोल्बैकिया बैक्टीरिया से संक्रमित किया जाता है. फिर इन्हें शहर के विभिन्न डेंगू हॉटस्पॉट्स में छोड़ा जाता है. ये संक्रमित मच्छर जंगली मच्छरों से मिलते हैं और बैक्टीरिया अगली पीढ़ी में पहुंच जाता है जिससे वायरस का फैलाव पूरी तरह बंद हो जाता है. ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले ही 8 शहरों में लगभग 50 लाख लोगों को डेंगू से बचा लिया है. उदाहरण के तौर पर, नाइतेरोई शहर में डेंगू के मामले 69% तक घट गए हैं.
दुनिया की सबसे बड़ी मच्छर फैक्ट्री
19 जुलाई को कुरितिबा में शुरू हुई यह फैक्ट्री WMP, Oswaldo Cruz Foundation (Fiocruz) और Institute of Molecular Biology of Parana (IBMP) के संयुक्त प्रयास से बनी है. 3500 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली इस फैक्ट्री में लगभग 70 कर्मचारी कार्यरत हैं और हर हफ्ते 10 करोड़ मच्छरों के अंडे तैयार होते हैं. CEO लुसियानो मोरेइरा के अनुसार हर छह महीने में यह फैक्ट्री करीब 70 लाख लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी. फैक्ट्री में ऑटोमेशन तकनीक का उपयोग करते हुए अंडों को संक्रमित किया जाता है और विशेष वाहनों द्वारा मच्छरों को रिलीज किया जाता है.
प्रोडक्शन मैनेजर एंटोनियो ब्रांडाओ बताते हैं वोल्बैकिया बैक्टीरिया कीट कोशिकाओं के अंदर ही जीवित रहता है. यदि मच्छर मर जाता है तो बैक्टीरिया भी मर जाता है इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित है और इंसानों पर कोई प्रभाव नहीं डालता.
यह जैविक जादू कैसे काम करता है?
लैब में उत्पादन मच्छरों को वोल्बैकिया से संक्रमित किया जाता है. संक्रमित मच्छरों को डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में छोड़ा जाता है. ये मच्छर जंगली मच्छरों से मिलते हैं और बैक्टीरिया अगली पीढ़ी में ट्रांसफर हो जाता है. अगली पीढ़ी वायरस नहीं फैला पाती, जिससे रोग नियंत्रण संभव होता है. एक रिपोर्ट के अनुसार कोलंबिया और इंडोनेशिया में भी इस तकनीक ने चिकनगुनिया और जिका वायरस के प्रसार को क्रमशः 56% और 37% तक कम किया है.
ब्राजील की नई उम्मीद
2025 में डेंगू के मामलों की संख्या 30 लाख के आसपास पहुंची लेकिन यह नई फैक्ट्री इस बीमारी के खिलाफ उम्मीद की किरण साबित हो रही है. ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री अलेक्जेंड्रे पाडिला ने कहा कि यह पहल ब्राजील की बायोटेक्नोलॉजी में नेतृत्व को दर्शाती है. खास वाहन डेंगू हॉटस्पॉट्स में घूमेंगे, मच्छर छोड़ेंगे और धीरे-धीरे डेंगू को समाप्त कर देंगे.


