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महिलाओं की हत्या करने वालों की खैर नहीं, इस देश ने लिया बड़ा फैसला...बनाया सख्त कानून

महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए इटली की संसद ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है. यहां के सांसदों ने महिलाओं की हत्या जो सिर्फ महिला होने की वजह से की जाती है यानी फेमिसाइड को रोकने के लिए एक अलग कानून बनाकर उम्रकैद की सजा को अनिवार्य कर दिया है. लेकिन आखिर क्या वजह थी कि इस देश की सरकार को इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा. आइए जानते है इस खबर को विस्तार से...

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : इटली की संसद ने महिलाओं की हत्या को अब एक अलग और गंभीर अपराध के रूप में मान्यता दी है. यह अपराध, जिसे फेमिसाइड कहा जाता है, उन मामलों में आता है जब किसी महिला की हत्या केवल उसके महिला होने की वजह से की जाती है. संसद ने इस कानून को उम्रकैद की सजा वाले प्रावधान के साथ पास किया है. खास बात यह है कि यह बिल 25 नवंबर को मंजूर हुआ, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा समाप्त करने के लिए समर्पित दिन है.

116 में 106 मामलों में हत्या का कारण केवल जेंडर 
आपको बता दें कि इटली में महिलाओं की हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही थीं. पिछले साल 116 महिलाओं की मौत हुई, जिनमें से 106 मामलों में हत्या का कारण केवल उनका जेंडर था. इन मामलों में से कई को अब तक सामान्य हत्या के रूप में दर्ज किया जाता था. जूलिया चेकेट्तिन की हत्या ने देश को झकझोर दिया. 22 वर्षीय जूलिया को उसके एक्स-बॉयफ्रेंड फिलिप्पो तुरेता ने चाकुओं से गोदकर मार दिया और उसके शव को झील के पास फेंक दिया. इस घटना ने देश में कानून बनाने की जरूरत पर जोर दिया. जूलिया के पिता का मानना है कि केवल कानून पर्याप्त नहीं है; असली लड़ाई समाज में शिक्षा और जागरूकता से जीती जाएगी.

कानून पास होने की प्रक्रिया

दो साल की लंबी बहस के बाद, इटली की संसद ने इस कानून को मंजूर किया. प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की सरकार और विपक्ष दोनों ने मिलकर इसे पारित किया. कई सांसद इस अवसर पर लाल रिबन पहनकर आए, जो महिलाओं के खिलाफ हिंसा के विरोध का प्रतीक है. अब से किसी भी महिला की हत्या जो उसके जेंडर के कारण हुई हो, उसे फेमिसाइड माना जाएगा और इसे सीधे आजन्म कारावास की सजा का हकदार बनाया जाएगा.

यह कानून हिंसा के खिलाफ एक बड़ा कदम
हालांकि कानून ऐतिहासिक है, कुछ विशेषज्ञ इसे लेकर चिंतित हैं. उनका मानना है कि अदालत में यह साबित करना कठिन होगा कि हत्या का कारण केवल जेंडर था. इसके अलावा, कानून के प्रभाव को बढ़ाने के लिए समाज में जेंडर समानता और शिक्षा पर भी निवेश आवश्यक है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह कानून हिंसा के खिलाफ एक बड़ा कदम है, लेकिन वास्तविक बदलाव केवल कानून से नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से ही संभव है.

इटली ने अब महिलाओं के खिलाफ हिंसा को उसकी जड़ से समझने और रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है. यह कानून न केवल न्याय सुनिश्चित करेगा बल्कि समाज में महिलाओं के लिए सुरक्षा और सम्मान की दिशा में भी संदेश देगा.

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26 November 2025, 12:14 PM IST

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