Pakistan: बलूचिस्तान के एक और जघन्य अपराध का सामना कर रहे पाकिस्तान में इन दिनों एक खौ़फनाक घटना चर्चा का विषय बनी हुई है. 11 मार्च को पेशावर से क्वेटा जा रही जाफर एक्सप्रेस को बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने हाईजैक कर लिया. यह घटना इतनी भयावह हो गई है कि अब तक 200 से ज्यादा ताबूत बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा भेजे जा चुके हैं. इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि पाकिस्तान सरकार को आशंका है कि इस हाइजैक के चलते कई लोग अपनी जान गंवा सकते हैं.

हाइजैकिंग का खौ़फनाक मंजर

11 मार्च को जाफर एक्सप्रेस को सुबह 9 बजे पेशावर से रवाना किया गया था, जो दोपहर 1:30 बजे सिब्बी स्टेशन पहुंचने वाली थी. मगर जैसे ही ट्रेन बोलान के माशफाक टनल के पास पहुंची, बीएलए के लड़ाकों ने पूरी ट्रेन को घेर लिया. इस हमले में बीएलए ने माशफाक टनल नंबर-8 को उड़ा दिया, जिससे ट्रेन की गति धीमी हो गई और ट्रेन को आसानी से हाइजैक किया गया. इस इलाके की पहाड़ी संरचना और सुरंगें हमलावरों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुईं.

पाकिस्तानी सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन

इस हाइजैक के बाद पाकिस्तान की सेना ने बंधकों को छुड़ाने के लिए ऑपरेशन शुरू कर दिया है. हालांकि, यह ऑपरेशन अब तक किसी खास सफलता की ओर नहीं बढ़ सका है. पाकिस्तान मीडिया के अनुसार, अब तक 155 यात्रियों को रेस्क्यू किया जा चुका है, लेकिन अभी भी 100 से ज्यादा यात्री बीएलए के कब्जे में हैं. रिपोर्ट्स यह भी कह रही हैं कि बीएलए के लड़ाकों ने बंधकों के बीच अपने आत्मघाती हमलावरों को भी भेज रखा है, जिससे पाकिस्तान की सेना के लिए बंधकों को सुरक्षित निकालना और भी कठिन हो गया है.

बीएलए का खौ़फनाक बयान

बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ट्रेन हाइजैक करने का एक वीडियो भी जारी किया है. इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि ट्रेन में धमाका होने के बाद यह रुक जाती है और पास की पहाड़ियों में बीएलए के आतंकवादी घात लगाए बैठे होते हैं. यह घटना एक सुनियोजित हमले का हिस्सा थी, जिसमें बीएलए के सबसे घातक लड़ाकों, मजीद ब्रिगेड और फतेह को तैनात किया गया था.

बड़ी संख्या में मौतों की आशंका

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, इस हमले में अब तक बीएलए के 27 आतंकवादी मारे जा चुके हैं, लेकिन सेना अभी तक बंधकों को छुड़ाने में सफल नहीं हो पाई है. सेना ने दावा किया है कि यह ताबूत प्रोटोकॉल के तहत भेजे गए हैं, ताकि अगर स्थिति गंभीर हो जाए तो इनका इस्तेमाल किया जा सके. बलूचिस्तान में हो रही इस भयावह घटना ने पूरे देश को सन्न कर दिया है और लोग अब इन मौतों के आंकड़े के बारे में जानने के लिए बेचैन हैं.

बलूचिस्तान की घातक स्थिति

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में यह घटना अकेली नहीं है. इस इलाके में बीएलए जैसे संगठनों का प्रभाव काफी बढ़ चुका है, जो पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रहे हैं. वहीं, बलूचिस्तान के लोगों का यह मानना है कि उनका राज्य हमेशा से उपेक्षित रहा है और उन्हें राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक नजरिये से बार-बार दबाया गया है. यही कारण है कि कई बार यह संगठन ऐसे खतरनाक हमले कर चुके हैं.

इस पूरी घटना ने यह साबित कर दिया है कि बलूचिस्तान का संकट केवल सुरक्षा के लिहाज से नहीं, बल्कि वहां की जटिल राजनीति और संघर्षों के कारण भी गंभीर बन चुका है. अब देखना यह होगा कि पाकिस्तान की सेना इस मुश्किल घड़ी में बंधकों को सुरक्षित कैसे बचाती है और इस बड़े संकट से कैसे निपटती है.