अमेरिकी किसानों के लिए ट्रंप बने बड़ी चुनौती...महंगे टैरिफ की वजह से कई देशों ने आयात किया बंद, अब चीन ने भी फेरा मुंह
ब्रिक्स देश अब एकजुट होकर अमेरिका की आर्थिक नीतियों को चुनौती दे रहे हैं. ब्राजील का चीन के साथ बढ़ता व्यापारिक रिश्ता न केवल अमेरिका के लिए खतरा है, बल्कि वैश्विक व्यापार संतुलन में भी बड़ा बदलाव ला सकता है. यह स्पष्ट संकेत है कि अब उभरती अर्थव्यवस्थाएं मिलकर वैश्विक शक्ति संतुलन को नए आयाम दे रही हैं.

US China trade war: डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीतियों और टैरिफ युद्ध के बीच ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) देशों ने अमेरिका के खिलाफ अपने कदम तेज कर दिए हैं. इन देशों ने न केवल वॉशिंगटन से आयात घटाया है, बल्कि अपने व्यापारिक विकल्पों को भी विविध बनाना शुरू कर दिया है. अमेरिका के लिए सबसे बड़ा झटका यह है कि ब्राजील अब सोयाबीन के क्षेत्र में अमेरिका की जगह ले रहा है और वह भी चीन जैसे अहम बाजार में.
अमेरिका की गिरावट
ब्राजील अब तेजी से चीन के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को मज़बूत कर रहा है. रिपोर्टों के अनुसार, बीजिंग ने अब अमेरिका से सोयाबीन की खरीद लगभग पूरी तरह बंद कर दी है और ब्राजील को अपना मुख्य आपूर्तिकर्ता बना लिया है. सितंबर और अक्टूबर के लिए चीन ने अमेरिका से एक भी टन सोयाबीन अग्रिम बिक्री में नहीं खरीदा, जो कि अमेरिकी किसानों के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर जब कटाई का मौसम करीब है.
सोयाबीन व्यापार में बड़ा झटका
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में चीन ने अमेरिका से केवल 4.2 लाख टन सोयाबीन खरीदा, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 11.5% कम है. दूसरी ओर, चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 20% टैरिफ लगा दिया है, जिससे अमेरिकी सोयाबीन महंगा हो गया है. इसके परिणामस्वरूप चीन ने अपना रुख ब्राजील की ओर मोड़ लिया है, भले ही उसे अधिक कीमत चुकानी पड़े.
अमेरिकी किसानों का विरोध
इस बदले हुए परिदृश्य से परेशान होकर अमेरिकी किसानों ने राष्ट्रपति ट्रंप को पत्र लिखा है, जिसमें चेताया गया कि वे अपने सबसे बड़े ग्राहक चीन के साथ लंबे समय तक व्यापार युद्ध नहीं झेल सकते. पिछले महीने चीन द्वारा किए गए सोयाबीन आयात में ब्राजील की हिस्सेदारी 90% रही, जबकि अमेरिका केवल 4% तक सीमित रहा. इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिका को अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है.
ट्रंप पर कटाक्ष
इस व्यापारिक बदलाव को और मजबूती तब मिली जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के बीच एक घंटे की बैठक हुई. शी ने स्पष्ट कहा कि चीन ब्राजील के वैध अधिकारों और हितों का समर्थन करता है. यह बयान अमेरिका और विशेष रूप से डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा गया, जिन्होंने पहले ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो पर चल रहे मुकदमे को लेकर टैरिफ लगाने का तर्क दिया था.


