पेंटागन में ट्रंप की सर्जिकल स्ट्राइक, ज्वाइंट चीफ्स के चेयरमैन ब्राउन बर्खास्त, नया नाम आया सामने
Trump fires Joint Chiefs chairman: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेंटागन में एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव करते हुए ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल सीक्यू ब्राउन को उनके पद से हटा दिया है. उनके स्थान पर वायु सेना के लेफ्टिनेंट जनरल डैन "राज़िन" केन को नामित किया गया है, जो अब सीनेट की मंजूरी का इंतजार करेंगे.

Trump fires Joint Chiefs chairman: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेंटागन में एक बड़ा फेरबदल करते हुए ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल सीक्यू ब्राउन को उनके पद से हटा दिया है. ब्राउन को हटाने का यह फैसला उनके कार्यकाल के केवल 16 महीने बाद आया है. इस बदलाव के साथ ही ट्रंप प्रशासन ने वायु सेना के लेफ्टिनेंट जनरल डैन "राज़िन" केन को इस पद के लिए नामित किया है, जिन्हें अब सीनेट की मंजूरी का इंतजार रहेगा.
यह कदम ट्रंप की सैन्य नेतृत्व में व्यापक बदलाव की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप पेंटागन के शीर्ष पदों पर अपने विश्वासपात्रों को लाने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे सैन्य नीतियों को अपने हिसाब से निर्देशित किया जा सके.
पेंटागन में बड़ा फेरबदल
शुक्रवार को घोषित इस फैसले के तहत वायु सेना जनरल चार्ल्स "सीक्यू" ब्राउन को उनके पद से हटाया गया. ब्राउन, जो ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष बनने वाले इतिहास के दूसरे अश्वेत अधिकारी थे, को ट्रंप प्रशासन की ओर से प्रशंसा भी मिली. राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, "मैं जनरल चार्ल्स 'सीक्यू' ब्राउन को हमारे देश के लिए 40 साल से अधिक की सेवा के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं, जिसमें ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल भी शामिल है. वह एक अच्छे सज्जन और उत्कृष्ट नेता हैं और मैं उनके और उनके परिवार के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं."
लेफ्टिनेंट जनरल डैन केन होंगे नए अध्यक्ष
ट्रंप प्रशासन ने ब्राउन की जगह वायु सेना के लेफ्टिनेंट जनरल डैन "राज़िन" केन को चुना है. केन, जो एक अनुभवी सैन्य अधिकारी हैं, अब ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन बनने के लिए सीनेट की मंजूरी का इंतजार करेंगे.
ब्राउन की बर्खास्तगी के पीछे की रणनीति
ब्राउन की बर्खास्तगी से पेंटागन में बड़े बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्राउन को हटाने का कारण उनके नेतृत्व में अमेरिकी सेना की रणनीतिक प्राथमिकताओं में बदलाव बताया जा रहा है. वे यूक्रेन में अमेरिकी सैन्य रणनीति और बढ़ते मध्य पूर्व संकट से निपटने में अहम भूमिका निभा रहे थे.
इसके अलावा, सूत्रों के अनुसार, ब्राउन को हटाने के पीछे कांग्रेस के प्रमुख नेताओं का समर्थन भी एक महत्वपूर्ण कारण माना जा रहा है. हाल ही में नियुक्त रक्षा सचिव पीट हेगसेथ के साथ उनकी नियमित बैठकें और नीति-निर्माण में उनकी भूमिका भी इस फैसले को प्रभावित कर सकती है.
ट्रंप की सैन्य नेतृत्व रणनीति में बड़ा बदलाव
ब्राउन और ट्रंप की आखिरी मुलाकात दिसंबर में आर्मी-नेवी फुटबॉल खेल के दौरान हुई थी, जहां दोनों ने सौहार्दपूर्ण बातचीत की थी. यह फैसला अमेरिकी सैन्य नीति की दिशा और ट्रंप के नेतृत्व परिवर्तन के प्रभावों पर राजनीतिक और रणनीतिक चर्चाओं को जन्म देगा. आने वाले दिनों में यह देखने लायक होगा कि यह फेरबदल अमेरिकी सेना की वैश्विक रणनीति को कैसे प्रभावित करता है.


