ट्रंप का मास्टर प्लान... रूस-यूक्रेन के साथ इन देशों में भी रुक सकता है युद्ध
कोरोना महामारी के बाद दुनिया के कई कोनों में युद्ध की आग भड़क उठी. महीनों से जारी इन संघर्षों को शांत करने की कोशिश में अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कमर कस ली है. अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच शांति समझौता करवाने के बाद, ट्रंप अब दो और युद्धों को रोकने के लिए जी-जान से जुट गए हैं.

Double Ceasefire Donald Trump: कोरोना महामारी के अंत के बाद दुनिया ने जिस राहत की सांस ली थी, वह ज्यादा लंबी नहीं चली. फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध ने हालात को बिगाड़ा और इसके बाद इजरायल-हमास संघर्ष ने मध्य-पूर्व को आग में झोंक दिया. ईरान की एंट्री के बाद यह लड़ाई और खतरनाक हो गई. अमेरिका की एअर स्ट्राइक ने हालात को और विस्फोटक बना दिया, जिससे तीसरे विश्व युद्ध जैसी स्थिति बन गई. इन तनावपूर्ण परिस्थितियों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब वैश्विक स्तर पर सीजफायर की कोशिशें कर रहे हैं. अगर उनकी पहल सफल होती है, तो दुनिया को न सिर्फ एक, बल्कि दो बड़े युद्धविराम देखने को मिल सकते हैं.
रूस-यूक्रेन वार्ता की नई पहल
15 अगस्त को अलास्का में हुई ट्रंप और पुतिन की मुलाकात के बाद उम्मीदों की एक नई किरण जगी. इसके बाद ट्रंप ने व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और सात यूरोपीय देशों के नेताओं के साथ अहम मीटिंग की. मीटिंग के दौरान जेलेंस्की ने रूस, यूक्रेन और अमेरिका की त्रिपक्षीय वार्ता के लिए सहमति दे दी. माना जा रहा है कि यह ऐतिहासिक बैठक अगले दो हफ्तों में जेनेवा में हो सकती है. इस वार्ता में सुरक्षा गारंटी सबसे बड़ी डील होगी. अमेरिका ने यूक्रेन की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने का आश्वासन दिया है. इसके बदले यूक्रेन अमेरिका से 90 अरब डॉलर (लगभग 7.47 लाख करोड़ रुपये) के हथियार खरीदेगा. इस सौदे में लड़ाकू विमान और एयर डिफेंस सिस्टम भी शामिल होंगे.
इजरायल-हमास संघर्ष पर रोक की कोशिश
हमास ने 7 अक्टूबर 2024 को इजरायल पर अटेक कर कुछ लोगों को बंधक बनाया. इसके बाद शुरू हुई जंग थमने का नाम नहीं ले रही थी. हालांकि फिलहाल दोनों पक्ष 60 दिन के युद्धविराम पर सहमत हुए हैं. लेकिन यह सीजफायर आसान नहीं है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू धर्मसंकट में फंसे हुए हैं. एक ओर इजरायल की जनता सड़कों पर उतरकर सभी बंधकों की सुरक्षित वापसी की मांग कर रही है, वहीं उनकी पार्टी के समर्थक युद्धविराम का विरोध कर रहे हैं. दूसरी ओर अमेरिका और यूरोप लगातार इजरायल पर सीजफायर का दबाव बना रहे हैं.
दुनिया की नजर अब ट्रंप पर
रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास दोनों मोर्चों पर हालात बेहद नाजुक हैं. दुनिया भर की निगाहें अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर टिकी हैं कि क्या उनकी मध्यस्थता से वाकई दोनों जंग थम पाएंगी या फिर हालात और बिगड़ेंगे.


