तुरंत शुरू करें परमाणु हथियारों का परीक्षण, ट्रंप ने दिए आदेश...30 साल बाद US उठाएगा बड़ा कदम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस और चीन के हालिया परीक्षणों के जवाब में परमाणु हथियारों के परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया है. यह फैसला शी जिनपिंग से मुलाकात से पहले आया है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे वैश्विक हथियार दौड़ और परमाणु तनाव बढ़ सकता है.

नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को वैश्विक राजनीति में हलचल मचाते हुए यह घोषणा की कि उन्होंने अपने देश के परमाणु हथियारों के परीक्षण को तुरंत शुरू करने का आदेश दे दिया है. ट्रंप ने कहा कि यह फैसला रूस और चीन जैसे देशों के हालिया परमाणु परीक्षणों के प्रत्यक्ष जवाब में लिया गया है.
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “अमेरिका के पास किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक परमाणु हथियार हैं. मेरे पहले कार्यकाल में हमने इनके नवीनीकरण और आधुनिकीकरण पर जोर दिया. मैं इसे शुरू नहीं करना चाहता था, लेकिन वैश्विक हालात को देखते हुए अब कोई विकल्प नहीं बचा.”
रूस और चीन पर सीधा निशाना
ट्रंप ने साफ कहा कि अमेरिका अब अपने विरोधियों के बराबर स्तर पर परीक्षण करेगा. उन्होंने लिखा, “जब रूस और चीन लगातार अपने परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं, तब अमेरिका पीछे नहीं रहेगा. मैंने रक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वह परमाणु परीक्षण की प्रक्रिया तुरंत शुरू करे.”
यह बयान उस समय आया है जब रिपोर्टों के अनुसार रूस ने हाल ही में दो अत्याधुनिक परमाणु-सक्षम हथियारों 9M730 बुरेवेस्टनिक क्रूज़ मिसाइल और पोसाइडन अंडरवाटर ड्रोन का परीक्षण किया है. ये हथियार लंबी दूरी तक लक्ष्य भेदने और विशाल तबाही मचाने में सक्षम हैं.
शी जिनपिंग से मुलाकात से पहले आया बड़ा कदम
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब ट्रंप दक्षिण कोरिया के बुसान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने वाले हैं. यह मुलाकात एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन के दौरान हो रही है, जहां पहले से ही अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव चरम पर है.
हाल के हफ्तों में दोनों देशों के बीच मतभेद और गहराए हैं. अमेरिका ने चीन पर निर्यात प्रतिबंधों को बढ़ाया है, जबकि बीजिंग ने दुर्लभ मृदा खनिजों के निर्यात पर सख्त नियंत्रण लगा दिए हैं. इसके जवाब में, ट्रंप ने 1 नवंबर से चीनी वस्तुओं पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी है.
हालांकि तनाव के बावजूद अधिकारियों का कहना है कि मलेशिया में हुई हालिया वार्ता में कुछ प्रगति हुई है. दोनों देश एक “प्रारंभिक व्यापार समझौते के ढांचे” पर सहमत हुए हैं, जिससे बुसान में होने वाली यह बैठक और भी अहम हो गई है.
रूस को मिली कड़ी चेतावनी
ट्रंप ने अपने बयान में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना करते हुए कहा कि रूस को यूक्रेन युद्ध समाप्त करने पर ध्यान देना चाहिए, न कि नए हथियारों के परीक्षण पर. उन्होंने कहा कि पुतिन को अब युद्ध खत्म कर देना चाहिए. यह संघर्ष जो एक सप्ताह में खत्म हो सकता था, अब चार साल से चल रहा है. रूस के हालिया कदमों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ा दी है. मास्को पहले ही कई हथियार नियंत्रण समझौतों से बाहर निकल चुका है, जबकि चीन अपनी परमाणु क्षमताओं का तेजी से विस्तार कर रहा है.
वैश्विक सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंता
ट्रंप का यह फैसला विश्व मंच पर परमाणु संतुलन को लेकर नई बहस छेड़ सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अमेरिका ने परीक्षण शुरू किया, तो रूस और चीन भी अपनी गतिविधियां तेज़ करेंगे, जिससे एक नई हथियारों की दौड़ शुरू हो सकती है. इससे पहले पुतिन ने भी पोसाइडन परमाणु ऊर्जा चालित टॉरपीडो के सफल परीक्षण की पुष्टि की थी, जो समुद्र के नीचे से विशाल दूरी तय करने में सक्षम है.


