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भारत-अमेरिका संबंधों में ट्रंप के बयानों से बढ़ती उलझन... विदेश मंत्रालय ने दिया स्पष्टीकरण

Modi-Trump conversation : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत में पाकिस्तान और रूस से तेल खरीद पर चर्चा हुई, लेकिन भारत ने इन दावों को खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि न तो पाकिस्तान से युद्ध पर बात हुई, न ही रूस से तेल आयात पर कोई नया फैसला लिया गया. भारत ने ऊर्जा सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए अपनी स्वतंत्र नीति की पुष्टि की.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Modi-Trump conversation : भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रिश्ते हमेशा से रणनीतिक और लोकतांत्रिक साझेदारी पर आधारित रहे हैं, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सार्वजनिक टिप्पणियों से यह संबंध कई बार असहज स्थिति में आ जाता है. ट्रंप द्वारा की गई कई घोषणाएं और दावे ऐसे रहे हैं जिन्हें भारत सरकार को बार-बार खंडन करना पड़ा है. हाल ही में दिवाली के अवसर पर की गई बातचीत को लेकर भी यही स्थिति दोहराई गई.

मोदी से हुई पाकिस्तान और तेल पर चर्चा

डोनाल्ड ट्रंप ने 21 अक्टूबर को व्हाइट हाउस में आयोजित दिवाली कार्यक्रम के दौरान दावा किया कि उन्होंने उसी दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की है. इस बातचीत में ट्रंप के अनुसार, व्यापार, रूस से तेल खरीद में कमी और पाकिस्तान के साथ युद्ध न करने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. ट्रंप ने मोदी को अपना अच्छा मित्र बताते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच अब कोई युद्ध नहीं है और यह बहुत अच्छी बात है.

ट्रंप को दी दिवाली की शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के दावे के बाद एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने ट्रंप के फोन और शुभकामनाओं का आभार जताया. उन्होंने लिखा कि “इस प्रकाश पर्व के अवसर पर हमारे दोनों लोकतांत्रिक देश पूरी दुनिया को उम्मीदों से रौशन करते रहें और हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहें.” हालांकि, उन्होंने वार्ता में किसी विशेष मुद्दे की चर्चा का उल्लेख नहीं किया, जिससे यह स्पष्ट नहीं होता कि ट्रंप द्वारा बताए गए मुद्दे वास्तव में बातचीत में उठे थे या नहीं.

पाकिस्तान पर कोई चर्चा नहीं हुई
भारतीय विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने साफ कहा कि ट्रंप और मोदी के बीच पाकिस्तान से जुड़ा कोई संवाद नहीं हुआ. इससे पहले भी 16 अक्टूबर को ट्रंप ने दावा किया था कि भारत रूस से तेल खरीद बंद करने वाला है. उस समय भी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि दोनों नेताओं के बीच किसी प्रकार की वार्ता नहीं हुई है. प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा था कि उनकी जानकारी के अनुसार कोई संवाद नहीं हुआ.

रूस से तेल खरीद पर भारत का रुख अटल
ट्रंप ने अपने बयान में यह भी कहा कि भारत रूस से तेल खरीदना कम करने पर सहमत हो गया है, जबकि पहले वह कह चुके थे कि भारत इसे पूरी तरह बंद करने जा रहा है. भारत पहले ही इस विषय में स्पष्ट कर चुका है कि ऊर्जा सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है और जहां से जरूरत होगी, वहां से तेल की आपूर्ति की जाएगी. रूस भारत का एक बड़ा ऊर्जा आपूर्तिकर्ता है और वर्तमान वैश्विक अस्थिरता को देखते हुए भारत ने इस नीति में कोई बदलाव नहीं किया है.

सहयोग के साथ-साथ सार्वजनिक असहमतियां
भारत और अमेरिका के रिश्ते लंबे समय से सहयोग और रणनीतिक साझेदारी के पथ पर आगे बढ़ते रहे हैं. लेकिन ट्रंप प्रशासन के समय से लेकर अब तक, कई बार ऐसा हुआ है जब सार्वजनिक मंचों पर ट्रंप के दावों को भारत ने खारिज किया है. चाहे वह व्यापार शुल्क का मुद्दा हो, रूस से रक्षा सौदे हों या ऊर्जा आपूर्ति इन सभी मामलों में दोनों देशों के बीच मतभेद उभरते रहे हैं.

सावधानी और संयम से भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने हर बार संयमित और स्पष्ट प्रतिक्रिया देते हुए यह दिखाया है कि कूटनीतिक रिश्ते सार्वजनिक दावों से नहीं, बल्कि आपसी समझ और औपचारिक बातचीत से तय होते हैं. ट्रंप के बयान भले ही मीडिया में चर्चा का विषय बन जाते हों, लेकिन भारत बार-बार यह स्पष्ट करता रहा है कि उसके निर्णय और बयान घरेलू प्राथमिकताओं और राष्ट्रीय हितों के अनुसार होते हैं.

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22 October 2025, 06:32 PM IST

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