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राष्ट्रपति मुर्मु ने सबरिमाला मंदिर में किए पूजा-अर्चना और दर्शन...जानिए क्यों महत्वपूर्ण है इस मंदिर की यात्रा

Droupadi Murmu Sabarimala visit : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने केरल के सबरिमाला मंदिर में भगवान अय्यप्पा के दर्शन कर इतिहास रच दिया. वह पहली बार सेवा में सक्रिय राष्ट्रपति हैं जिन्होंने यहां पूजा-अर्चना की. 18 पवित्र सीढ़ियां चढ़कर उन्होंने इरुमुदिक्केट्टू के साथ भगवान का दर्शन किया. यह यात्रा धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह महिलाओं के बढ़ते सम्मान का प्रतीक है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Droupadi Murmu Sabarimala visit : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को केरल के प्रसिद्ध सबरिमाला मंदिर में अय्यप्पा भगवान के दर्शन कर इतिहास रच दिया. वह पहली बार सेवा में सक्रिय राष्ट्रपति बनीं जिन्होंने इस पवित्र स्थल पर पूजा-अर्चना की. उन्हें पाम्बा से सन्निधानम तक की कठिन पहाड़ी चढ़ाई में सुविधा के लिए चार पहिया वाहन की व्यवस्था की गई थी ताकि वे आराम से मंदिर तक पहुंच सकें.

पवित्र 18 सीढ़ियाँ चढ़कर किया पूजा-अर्चन
सन्निधानम में राष्ट्रपति मुर्मु ने मंदिर की 18 पवित्र सीढ़ियां चढ़कर मुख्य मंदिर परिसर में प्रवेश किया, जहां उनका स्वागत केरल के देवास्वोम मंत्री वी एन वासवन् और त्रावनकोर देवास्वोम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष पी एस प्रसांत ने किया. मंदिर के तंत्री कंदरारु महेश मोहनारु ने उन्हें पूर्णकुंभ के साथ पारंपरिक स्वागत दिया. उन्होंने सिर पर पवित्र इरुमुदिक्केट्टू (पूजा सामग्री) लेकर भगवान अय्यप्पा के दर्शन किए. इसके बाद, मुख्य पुजारी ने पूजा के लिए उनके इरुमुदिक्केट्टू को स्वीकार किया.

मंदिर दर्शन के बाद विश्राम और भोजन
राष्ट्रपति ने आसपास के मलिकप्पुरम सहित अन्य मंदिरों में भी दर्शन किए. इसके बाद वे टीडीबी गेस्टहाउस लौट गईं, जहां उनका भोजन और आराम का प्रबंध था. इस दौरान, टीडीबी अधिकारियों ने बताया कि उनकी यात्रा के दौरान भक्तों के लिए दर्शन पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए थे, ताकि राष्ट्रपति की सुरक्षा और सुविधा बनी रहे.

पहली महिला राष्ट्रपति और दूसरी राष्ट्रपति जो सबरिमाला पहुँचीं
द्रौपदी मुर्मु इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति हैं और दूसरी भारतीय राष्ट्रपति भी जो यहां आईं. इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति वी वी गिरि ने 1970 के दशक में सबरिमाला का दौरा किया था, लेकिन वे डॉली के जरिए मंदिर पहुँचे थे. राष्ट्रपति मुर्मु की यह यात्रा धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

सबरिमाला मंदिर का महत्व और पौराणिक इतिहास
सबरिमाला मंदिर भगवान अय्यप्पा का प्रमुख तीर्थस्थल है, जिन्हें भगवान विष्णु के मोहिनी रूप और भगवान शिव के पुत्र के रूप में माना जाता है. इसलिए इसे "हरिहर पुत्र" के नाम से भी जाना जाता है, जो वैष्णव और Shaiv धर्मों का संगम है. इस मंदिर को हर साल करोड़ों श्रद्धालु श्रद्धा और आस्था के साथ नमन करते हैं. यहां दर्शन के लिए भक्तों को 41 दिनों का कठोर व्रत रखना होता है, जिसमें संयम, शाकाहार और भक्ति शामिल होती है. यह व्रत भक्तों को आध्यात्मिक रूप से तीर्थयात्रा के लिए तैयार करता है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की यह यात्रा न केवल धार्मिक भावना की झलक दिखाती है, बल्कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं के बढ़ते सम्मान का प्रतीक भी है. यह कदम देश में धार्मिक समरसता और सांस्कृतिक विरासत को भी मजबूत करता है.

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22 October 2025, 05:41 PM IST

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