भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में तनातनी, समझौते पर मंडराए बादल
केंद्र सरकार ने अमेरिका राष्ट्रपति के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें टैरिफ में काफी कमी को लेकर प्रतिबद्धता की बात कही गई थी। इस मुद्दे पर अमेरिका से कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई गई है। साथ ही सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए सितंबर तक का समय मांगा है

भारत ने कहा है कि उसने अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती करने की कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है. यह बात राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा यह घोषणा करने के कुछ दिनों बाद कही गई है कि नई दिल्ली "अपने टैरिफ में भारी कटौती करने" पर सहमत हो गया है.
मुद्दे के समाधान के लिए मांगा समय
अपने दूसरे कार्यकाल के कुछ ही सप्ताह में ट्रंप ने वैश्विक व्यापार को उलट-पुलट कर दिया है, दोस्तों और दुश्मनों दोनों को निशाना बनाया है. उन्होंने सभी व्यापारिक साझेदारों पर "अनुचित" व्यवहार करने का आरोप लगाया है और अगले महीने से भारत समेत कई देशों पर पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की है। सरकार ने "अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा बार-बार उठाए जा रहे मुद्दे के समाधान के लिए सितंबर तक का समय मांगा है.
व्यापार समझौते की दिशा में कर रहे हैं काम
भारत के वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं, तथा केवल तत्काल टैरिफ समायोजन की मांग करने के बजाय दीर्घकालिक व्यापार सहयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जिन्होंने पिछले महीने व्हाइट हाउस का दौरा किया था, कि ट्रम्प के साथ अच्छे संबंध हैं. ट्रम्प ने कहा कि उनका भारतीय नेता के साथ "विशेष रिश्ता" है.


