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ईरान और हमास पर ट्रंप का सख्त रुख, हथियार छोड़ने या गंभीर अंजाम भुगतने की चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान और हमास दोनों को लेकर सख्त चेतावनी जारी की है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बैठक के बाद ट्रंप ने साफ किया कि अगर ईरान ने अपने हथियार कार्यक्रम दोबारा शुरू किए या हमास ने निरस्त्रीकरण से इनकार किया, तो अमेरिका और उसके सहयोगी कठोर कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे.

Yogita Pandey
Edited By: Yogita Pandey

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी दी है कि अगर तेहरान ने अपने बैलिस्टिक मिसाइल या परमाणु हथियार कार्यक्रम को फिर से शुरू किया, तो अमेरिका उस पर एक और बड़ा हमला कर सकता है. इसके साथ ही ट्रंप ने गाजा में सक्रिय फिलिस्तीनी संगठन हमास को भी साफ शब्दों में आगाह किया है कि अगर उसने निरस्त्रीकरण नहीं किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

यह बयान ट्रंप ने फ्लोरिडा स्थित अपने मार-ए-लागो एस्टेट में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बैठक के बाद दिया. उनकी टिप्पणियों से साफ संकेत मिलते हैं कि अमेरिका, ईरान और गाजा दोनों मोर्चों पर किसी भी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है.

ईरान के हथियार कार्यक्रम पर ट्रंप का सख्त संदेश

बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि उन्हें रिपोर्ट मिली हैं कि ईरान एक बार फिर हथियार और अन्य सैन्य संसाधन इकट्ठा कर रहा है. उन्होंने पत्रकारों से कहा,"मैंने पढ़ा है कि वे हथियार और अन्य चीजें जमा कर रहे हैं, और अगर वे ऐसा कर रहे हैं, तो वे उन ठिकानों का उपयोग नहीं कर रहे हैं जिन्हें हमने नष्ट कर दिया है, बल्कि संभवतः अलग-अलग ठिकानों का उपयोग कर रहे हैं."

‘हमें पता है वे क्या कर रहे हैं’

ट्रंप ने आगे दावा किया कि अमेरिका को ईरान की गतिविधियों की पूरी जानकारी है. उन्होंने कहा,"हमें ठीक-ठीक पता है कि वे कहाँ जा रहे हैं, क्या कर रहे हैं, और मुझे उम्मीद है कि वे ऐसा नहीं कर रहे हैं क्योंकि हम बी-2 पर ईंधन बर्बाद नहीं करना चाहते." उन्होंने पहले के हमले में इस्तेमाल किए गए बमवर्षक विमान का जिक्र करते हुए कहा,"दोनों तरफ 37 घंटे का सफर है. मैं ज्यादा ईंधन बर्बाद नहीं करना चाहता."

नेतन्याहू से बातचीत का एजेंडा

ट्रंप ने बताया कि नेतन्याहू के साथ उनकी बातचीत का मुख्य उद्देश्य गाजा में उनके द्वारा मध्यस्थता किए गए नाजुक युद्धविराम समझौते को आगे बढ़ाना था. इसके साथ ही ईरान और लेबनान में हिजबुल्लाह को लेकर इजरायल की चिंताओं पर भी चर्चा हुई.

ईरान के मिसाइल अभ्यास से बढ़ी चिंता

ईरान, जिसने जून में इजरायल के साथ 12 दिनों का युद्ध लड़ा था, ने हाल ही में कहा कि उसने इस महीने दूसरी बार मिसाइल अभ्यास किया है. नेतन्याहू ने पिछले सप्ताह कहा था कि इजरायल ईरान के साथ सीधा टकराव नहीं चाहता, लेकिन वह इन रिपोर्टों से अवगत है और इस मुद्दे को ट्रंप के सामने उठाएगा.

गाजा युद्धविराम का दूसरा चरण?

ट्रंप ने संकेत दिया कि वह गाजा में लगभग दो साल से जारी संघर्ष के बाद अक्टूबर में हुए युद्धविराम समझौते के दूसरे चरण को आगे बढ़ाना चाहते हैं. इस चरण में फिलिस्तीनी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय शांति सेना की तैनाती शामिल है.

हालांकि, इजरायल और हमास एक-दूसरे पर समझौते के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं और अगले चरण में शामिल कठिन शर्तों को स्वीकार करने के लिए कोई भी पक्ष तैयार नजर नहीं आ रहा है.

हमास को ट्रंप की सीधी धमकी

हमास ने निरस्त्रीकरण से इनकार कर दिया है और इजरायली सैनिकों की मौजूदगी के बीच गाजा के बड़े हिस्से में अपना नियंत्रण फिर से मजबूत कर रहा है.
इजरायल पहले ही संकेत दे चुका है कि अगर हमास शांतिपूर्वक हथियार नहीं छोड़ता, तो सैन्य कार्रवाई दोबारा शुरू की जा सकती है.

ट्रंप ने हमास पर निशाना साधते हुए कहा कि संगठन तेजी से निरस्त्रीकरण नहीं कर रहा है और चेतावनी दी, "इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे."

युद्धविराम योजना के अगले कदम

ट्रंप की गाजा युद्धविराम योजना के तहत अंततः इजरायल को फिलिस्तीनी क्षेत्र से पीछे हटना होगा और हमास को हथियार छोड़कर शासन की भूमिका से हटना होगा. पहले चरण में इजरायल की आंशिक वापसी, मानवीय सहायता में बढ़ोतरी और बंधकों व कैदियों की अदला-बदली शामिल थी.

बंधकों का मुद्दा और राफा क्रॉसिंग

नेतन्याहू के करीबी एक इजरायली अधिकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री चाहते हैं कि हमास द्वारा छोड़े गए अंतिम इजरायली बंधक के अवशेष लौटाए जाने के बाद ही युद्धविराम का पहला चरण पूरा माना जाए.
इजरायल ने अब तक गाजा और मिस्र के बीच राफा क्रॉसिंग नहीं खोली है और साफ किया है कि यह तभी खोली जाएगी जब बंधक के अवशेष वापस मिलेंगे.

वेस्ट बैंक, तुर्की और सीरिया पर भी चर्चा

ट्रंप ने स्वीकार किया कि वेस्ट बैंक के मुद्दे पर उनकी और नेतन्याहू की राय पूरी तरह एक जैसी नहीं है, हालांकि उन्होंने असहमति के बिंदुओं को स्पष्ट नहीं किया.
इसके अलावा गाजा में तुर्की के शांति सैनिकों की संभावित तैनाती पर भी चर्चा हुई, जिसे इजरायल एक संवेदनशील मुद्दा मानता है.

सीरिया को लेकर इजरायल की चिंता

नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल सीरिया के साथ एक शांतिपूर्ण सीमा चाहता है. ट्रंप ने भरोसा जताया कि इजरायल, सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शारा के साथ अच्छे संबंध बनाएगा.

हालांकि इजरायल नए नेतृत्व को लेकर सतर्क है, क्योंकि अल-शारा का अतीत अल-कायदा से जुड़ा रहा है और हाल ही में दमिश्क में सरकारी इमारतों पर हमले भी हुए हैं.

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