ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने तोड़ी अमेरिका की कमर, बेरोजगारी ने बनाया रिकॉर्ड!
अमेरिका में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रहा है. इसके पीछे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ और इमिग्रेशन नीतियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. लेबर डिपार्टमेंट की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बेरोजगारी दर चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है.

Trump Tariffs: अमेरिका में बेरोजगारी का संकट लगातार गहराता जा रहा है. इसके पीछे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को मुख्य वजह माना जा रहा है. अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट की ताजा रिपोर्ट ने ट्रंप सरकार के दावों की पोल खोल दी है. रिपोर्ट के अनुसार, बेरोजगारी दर चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. नौकरियों में बढ़ोतरी उम्मीद से काफी कम रही है.
विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप द्वारा लगभग सभी आयातों पर लगाए गए भारी टैरिफ ने कंपनियों की लागत को बढ़ा दिया है. इसके चलते न केवल उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ा है बल्कि रोजगार के अवसर भी तेजी से घटे हैं. ट्रंप की नीतियों का असर सीधा-सीधा अमेरिकी युवाओं पर पड़ रहा है, जिन्हें नौकरी की तलाश में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
बेरोजगारी दर चार साल के उच्चतम स्तर पर
लेबर डिपार्टमेंट द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में बेरोजगारी दर 4.3 प्रतिशत तक पहुंच गया. यह पिछले चार वर्षों में सबसे ऊंचा स्तर है. रिपोर्ट बताती है कि इस दौरान अमेरिकी अर्थव्यवस्था में केवल 22,000 नई नौकरियां जुड़ीं, जबकि जून में रोजगार में 13,000 की गिरावट दर्ज की गई. यह कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार है जब नौकरियों में शुद्ध नुकसान दर्ज हुआ है.
ट्रंप के दावों की खुली पोल
हाल ही में संघीय सरकार की रिपोर्ट में नौकरी में गिरावट का उल्लेख किया गया था, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने उसे खारिज कर दिया था. उन्होंने दावा किया था कि रिपोर्ट में धांधली की गई है और इसके लिए उत्पादन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी को बाहर कर दिया. लेकिन शुक्रवार को जारी नई रिपोर्ट ने एक बार फिर ट्रंप सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए.
टैरिफ और इमिग्रेशन पॉलिसी से बढ़ी मुश्किलें
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ नीति ने कंपनियों की लागत को दोगुना कर दिया है. साथ ही, ट्रंप की सख्त इमिग्रेशन नीति ने कई व्यवसायों को कर्मचारियों की भारी कमी का सामना करने पर मजबूर कर दिया है. वहीं ग्राहक संख्या घटने से कई सेक्टरों में कर्मचारियों की मांग भी कम हुई है.
निवेश और हायरिंग पर पड़ा असर
विश्लेषकों ने कहा कि ट्रंप की लगातार बदलती आर्थिक नीतियों से पैदा हुई अनिश्चितता ने कॉर्पोरेट सेक्टर को निवेश और नियुक्तियों के मामले में सतर्क कर दिया है. संघीय सरकार की ओर से अनुदानों और अनुबंधों में कटौती का असर भी निजी क्षेत्र की नौकरियों पर दिखाई दे रहा है.


