चीन पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी पर ट्रंप का यू-टर्न, कहा- बीजिंग की 'मदद' करना चाहता है अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को 100% टैरिफ की धमकी देने के बाद नरमी दिखाई और शी जिनपिंग को आदरणीय बताया. चीन ने अमेरिका की व्यापार नीति पर विरोध जताया और आत्मरक्षा के अधिकार की बात कही. दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव फिर से गहराने लगे हैं.

US China trade war: चीन को 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी देने के कुछ ही दिनों बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब अपने रुख में नरमी दिखाई है. रविवार को ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट के ज़रिए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का मकसद चीन को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि उसकी मदद करना है. उन्होंने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग को 'बेहद सम्मानित राष्ट्रपति' करार दिया.
ट्रंप ने लिखा, “चीन की चिंता मत करो, सब कुछ ठीक हो जाएगा. आदरणीय राष्ट्रपति शी जिनपिंग का हाल ही में एक बुरा दौर आया है. वह अपने देश को मंदी में नहीं ले जाना चाहते, और न ही मैं चाहता हूं. अमेरिका चीन की मदद करना चाहता है, नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता.”
टैरिफ का यू-टर्न
ट्रंप का यह बयान उस धमकी के ठीक बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि 1 नवंबर से चीन से आयातित वस्तुओं पर 100% तक टैरिफ लगाया जा सकता है. उस दौरान उन्होंने चीन पर ‘अत्यधिक आक्रामक’ और ‘शत्रुतापूर्ण’ होने का आरोप लगाया था. खास तौर पर उन्होंने चीन द्वारा rare earth minerals (दुर्लभ पृथ्वी खनिजों) पर लगाए गए निर्यात प्रतिबंध को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चीन दुनिया को ‘बंधक’ बनाना चाहता है और आशंका जताई गई थी कि वे शी जिनपिंग के साथ अपनी प्रस्तावित बैठक को रद्द कर सकते हैं. हालांकि, बाद में ट्रंप ने साफ किया कि वह बैठक को रद्द नहीं करेंगे.
आत्मरक्षा का अधिकार सुरक्षित
चीन ने अमेरिकी टैरिफ की धमकियों पर कड़ा रुख अपनाया है. रविवार को चीनी वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में अमेरिका से गलत व्यापार प्रथाओं को तत्काल सुधारने की अपील की गई और शी-ट्रंप के बीच हुई पिछली बातचीत में बनी सहमति का सम्मान करने को कहा गया.
बयान में कहा गया, “जानबूझकर अधिक टैरिफ की धमकियां चीन से समन्वय का तरीका नहीं हो सकतीं. हमारा रुख स्पष्ट है: हम व्यापार युद्ध नहीं चाहते, लेकिन उससे डरते भी नहीं हैं. अगर अमेरिका गलत रास्ते पर अड़ा रहा, तो चीन अपने वैध हितों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा.”
व्यापारिक संतुलन की चुनौती
अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से व्यापारिक और तकनीकी विवाद चले आ रहे हैं. ट्रंप प्रशासन के दौरान इन विवादों ने एक बार फिर तेज़ी पकड़ी है, खासकर खनिजों, टेक्नोलॉजी और शुल्कों को लेकर. जहां ट्रंप खुद को ‘सौदेबाज़ी में माहिर’ बताते हैं, वहीं चीन ने बार-बार कहा है कि वह दबाव में झुकने वाला नहीं है.


