अगर तुम मर्द हो तो हमारा सामना करो...TTP के कमांडर ने दी PAK सेना प्रमुख असीम मुनीर को धमकी
Asim Munir threats by TTP : तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को धमकी देते हुए युद्ध के मैदान में आने की चुनौती दी है. टीटीपी ने हालिया हमलों में बड़ी सफलता हासिल की है, जिससे पाकिस्तान की सुरक्षा पर संकट बढ़ा है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्धविराम तो हुआ, लेकिन टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई पर सहमति जरूरी है. सेना उग्रवाद रोकने में असफल रही है.

Asim Munir threats by TTP : तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा जारी किए गए वीडियो ने पाकिस्तान की सेना के लिए बड़ी चुनौती पैदा कर दी है. इन वीडियो में टीटीपी के एक शीर्ष कमांडर ने सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर को सीधे तौर पर धमकी दी है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तानी सेना को अपने जवानों को जंग के मैदान में भेजने की बजाय खुद ही नेतृत्व करना चाहिए. यह वीडियो खासकर 8 अक्टूबर को ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के कुर्रम इलाके में हुए एक घातक हमले के फुटेज पर आधारित है, जिसमें टीटीपी ने दावा किया कि 22 सैनिक मारे गए और भारी मात्रा में गोला-बारूद और वाहन जब्त किए गए. हालांकि पाकिस्तान की आधिकारिक रिपोर्ट में सैनिकों की मौतों की संख्या कम बताई गई है.
TTP के वरिष्ठ कमांडर काजिम ने दी धमकी
तुर्की की मध्यस्थता में युद्धविराम की हुई थी घोषणा
पिछले कुछ हफ्तों में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के तालिबानी नेतृत्व के बीच सीमा पर बढ़ते संघर्ष ने क्षेत्रीय तनाव को गंभीर रूप दिया. लगातार गोलाबारी और हवाई हमलों के बाद अक्टूबर के मध्य में कतर और तुर्की की मध्यस्थता में युद्धविराम की घोषणा हुई. यह युद्धविराम डूरंड लाइन पर तनाव को कम करने की कोशिश माना जा रहा है. हालांकि पाकिस्तान ने स्पष्ट किया है कि यह युद्धविराम तभी टिकेगा जब अफगानिस्तान अपनी जमीन से सक्रिय सशस्त्र समूहों, विशेष रूप से टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई करेगा.
TTP की सफलताओं का असर
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, टीटीपी की हाल की सफलताओं ने देश के अन्य उग्रवादी समूहों को भी प्रोत्साहित किया है. लश्कर-ए-झांगवी, इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी), और जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूह इस स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं. खासकर एलईजे का पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले का इतिहास है, जबकि आईएसकेपी कई बार टीटीपी के असंतुष्ट लड़ाकों को अपने साथ जोड़ा है.
पाकिस्तानी सेना की चुनौतियां
टीटीपी के हमलों में हाल के हफ्तों में काफी वृद्धि देखी गई है, जिससे यह साफ हो गया है कि पाकिस्तानी सेना उग्रवाद और आतंकवाद को नियंत्रित करने में असफल रही है. खासकर केपीके क्षेत्र में जवाबी रणनीति और शासन की योजना बनाने में सेना और सरकार की बड़ी कमी नजर आ रही है. इससे वहां की स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है, जो भविष्य में सुरक्षा को बड़ा खतरा बन सकती है.
यह रिपोर्ट पाकिस्तानी सेना और टीटीपी के बीच जारी संघर्ष की वास्तविक तस्वीर पेश करती है, जिसमें सेना की चुनौतियों, आतंकवादी समूहों की बढ़ती ताकत और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की भूमिका को समझने में मदद मिलती है.


