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Bhai Dooj 2025: आज देशभर में मनाया जा रहा है भाई दूज का त्योहार, जानिए भाइयों को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त

Bhai Dooj 2025: आज 23 अक्टूबर को पूरे देश में भाई दूज का धूमधाम से त्योहार मनाया जा रहा है. बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करेंगी. टीका लगाने का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Bhai Dooj 2025: आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है. यह त्योहार दिवाली पंच महापर्व का अंतिम दिन होता है, जिसे कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस तिथि का संबंध यमराज से जुड़ा होता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं, उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं और भाई-बहन के प्रेम का त्यौहार मनाया जाता है. इस बार टीका करने का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.

भाई दूज का पर्व केवल रिश्तों की मजबूती का प्रतीक ही नहीं, बल्कि कई धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं से भी जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि जो भाई बहन के घर जाकर तिलक करवाता है और भोजन ग्रहण करता है, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती. साथ ही यमराज के सचिव चित्रगुप्त की भी इस दिन पूजा होती है. आइए जानते हैं इस पर्व के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और भाई-बहन के बीच उपहारों के महत्व के बारे में.

भाई दूज पर तिलक करने के शुभ मुहूर्त

भाई दूज के दिन भाइयों को तिलक लगाने के लिए चार प्रमुख शुभ मुहूर्त होते हैं:-

  • पहला अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक, इस मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है.

  • दूसरा मुहूर्त: दोपहर 1:13 बजे से दोपहर 3:28 बजे तक.

  • तीसरा विजय मुहूर्त: दोपहर 1:58 बजे से दोपहर 2:43 बजे तक.

  • गोधूली मुहूर्त: शाम 5:43 बजे से शाम 6:09 बजे तक.

  • इन समयों में भाई-बहन एक-दूसरे का तिलक और सम्मान करते हैं.

भाई दूज की तिथि और पंचांग

पंचांग के अनुसार, भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है. इस बार भाई दूज की तिथि 22 अक्टूबर की रात 8:16 बजे शुरू होकर 23 अक्टूबर की रात 10:46 बजे समाप्त होगी. यह समय त्योहार की धार्मिक विधियों के पालन के लिए महत्वपूर्ण होता है.

भाई दूज पर पूजा की विधि

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई के लिए एक विशेष पूजा थाली तैयार करती हैं, जिसमें रोली, अक्षत, नारियल और मिठाई शामिल होती है. सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है, फिर घर के उत्तर-पूर्व दिशा में चौक बनाकर भाई को तिलक लगाया जाता है. तिलक के बाद भाई को फूल, पान, सुपारी देते हुए उनकी आरती उतारी जाती है. अंत में बहनें अपने भाई को मिठाई खिलाती हैं और अपने हाथों से बना भोजन परोसती हैं, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है.

भाई दूज की पौराणिक कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नरकासुर वध के बाद भगवान श्री कृष्ण भाई दूज के दिन द्वारका लौटे थे. उनकी बहन सुभद्रा ने अपने भाई का फल, फूल और मिठाई से भव्य स्वागत किया और तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना की. इसी दिन से यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम और सद्भाव का प्रतीक बन गया.

भाई दूज पर बहनों को क्या उपहार दें?

  • बहनों को इस दिन कपड़ा और आभूषण गिफ्ट में देना शुभ माना जाता है.

  • सौंदर्य प्रसाधन, खुशबू वाली चीजें, चांदी के सिक्के या धन भी उपहार स्वरूप दिए जा सकते हैं.

  • काले रंग की वस्तुएं उपहार में न देना चाहिए क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है.

  • मिठाई और चॉकलेट भी बहनों को प्रिय उपहार होते हैं.

Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.

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23 October 2025, 12:53 PM IST

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