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2 साल बाद अचानक एर्दोगन को क्यों याद आई कश्मीर? उगला ज़हर तो भारत ने दिखा दिया आईना

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन ने दो साल की चुप्पी के बाद अचानक कश्मीर मुद्दे पर बयान दिया, जिससे भारत ने कड़ी आपत्ति जताई.एर्दोगन ने अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान कहा कि कश्मीर मसले को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के आधार पर हल किया जाना चाहिए. इस बयान पर भारत ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए तुर्की के राजदूत को तलब किया और स्पष्ट रूप से कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इस तरह की टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयिप एर्दोगन ने दो साल बाद फिर से कश्मीर पर जहर उगला, लेकिन इस बार भारत ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया. पाकिस्तान की धरती से कश्मीर को लेकर तुर्की ने जो बयान दिया, वह भारत को नागवार गुजरा. भारत ने न सिर्फ इसे सिरे से खारिज किया, बल्कि तुर्की के राजदूत को तलब कर कड़ा विरोध भी दर्ज कराया.

यह वही तुर्की है, जिसे भारत ने भूकंप के दौरान हर संभव मदद दी थी, लेकिन एहसान मानने के बजाय उसने पाकिस्तान को खुश करने के लिए भारत के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी.

भारत ने तुर्की को क्यों लगाई फटकार?

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने 13 फरवरी को पाकिस्तान की यात्रा के दौरान कश्मीर मुद्दे का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि "कश्मीर मसले को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के मुताबिक, बातचीत और कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए सुलझाया जाना चाहिए." उनके साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे.जैसे ही भारत को इस बयान की खबर मिली, उसने तुर्की के इस बयान को 'अस्वीकार्य' बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया.

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दो टूक शब्दों में कहा कि "जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा. हम भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मामलों पर की गई इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणियों को पूरी तरह खारिज करते हैं."

तुर्की 2 साल तक चुप क्यों था?

गौरतलब है कि बीते दो सालों में एर्दोगन ने कश्मीर मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया था. संयुक्त राष्ट्र महासभा जैसे वैश्विक मंचों पर भी उन्होंने इस मुद्दे को नहीं उठाया था. लेकिन जैसे ही वह पाकिस्तान पहुंचे, उन्होंने वहां भारत विरोधी बयान दे दिया. यह इस बात का संकेत है कि तुर्की, पाकिस्तान को खुश करने के लिए भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहा है.

भारत ने दिया करारा जवाब

भारत ने साफ शब्दों में कहा कि तुर्की को दूसरों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के बजाय पाकिस्तान की उस नीति की आलोचना करनी चाहिए, जो भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देती है. विदेश मंत्रालय ने कहा, "बेहतर होता कि तुर्की भारत के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की निंदा करता, क्योंकि जम्मू-कश्मीर के लिए सबसे बड़ा खतरा वही है."

तुर्की की कश्मीर पर पुरानी बयानबाजी

तुर्की पहले भी कई बार कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन कर चुका है. 2019 में जब भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था, तब भी एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र में इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश की थी. लेकिन भारत ने हर बार तुर्की को करारा जवाब दिया.

भारत-तुर्की रिश्तों पर असर?

तुर्की के इस नए बयान से भारत-तुर्की संबंधों में और तनाव बढ़ सकता है. पहले भी तुर्की के इस तरह के रवैये से भारत ने कई बार नाराजगी जताई है. भारत ने तुर्की को कई बार चेतावनी दी है कि वह पाकिस्तान के बहकावे में आकर भारत के खिलाफ बयानबाजी न करे.

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22 February 2025, 08:27 AM IST

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