तुर्की शांति वार्ता से पहले ढह गया भरोसा: पुतिन और ट्रंप की गैर-मौजूदगी से उठे सवाल
तुर्की में प्रस्तावित रूस-यूक्रेन शांति वार्ता पुतिन और ट्रंप की गैर-मौजूदगी से विवादों में घिर गई है, पुतिन ने सलाहकार भेजे, ट्रंप यूएई दौरा में व्यस्त हैं. इससे ट्रंप के 24 घंटे में जंग रोकने के दावों पर संदेह गहरा गया है.

इंटरनेशनल न्यूज. रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने के लिए तुर्की में प्रस्तावित शांति वार्ता अभी शुरू भी नहीं हुई है और पहले ही उसका असर कमजोर होता नजर आ रहा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की गैर-मौजूदगी ने वार्त की गंभीरता के संदेह के घेरे में ला खड़ा किया. बुधवार को क्रेमलिन ने रूसी प्रतिनिधिमंडल के नामों की घोषणा कर दी, लेकिन पुतिन का नाम उसमें नहीं था। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रपति के सलाहकार व्लादिमीर मेडिंस्की करेंगे। उनके साथ उप विदेश मंत्री मिखाइल गालुज़िन, सैन्य खुफिया प्रमुख इगोर कोस्त्युकोव और उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन शामिल होंगे। इससे साफ हो गया है कि पुतिन वार्ता में खुद हिस्सा नहीं लेंगे, जिससे पहले ही दौर में किसी ठोस समाधान की संभावना क्षीण हो गई है।
ज़ेलेंस्की की प्रतिक्रिया का इंतजार
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने साफ कहा था कि जब तक मास्को अपने प्रतिनिधिमंडल का खुलासा नहीं करता, कीव कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा। अब जब क्रेमलिन ने सूची जारी कर दी है, ज़ेलेंस्की के अगले कदम का इंतजार है। लेकिन पुतिन की अनुपस्थिति से यूक्रेनी नेतृत्व के मन में संशय गहराता दिख रहा है।
ट्रम्प की 24 घंटे वाली बात फिर ढीली
डोनाल्ड ट्रम्प ने इस सप्ताह फिर दावा किया था कि वे 24 घंटे में युद्ध रोक सकते हैं। लेकिन उनकी तुर्की यात्रा की कोई पुष्टि नहीं हुई। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वे यूएई दौरे पर जा रहे हैं और तुर्की उनके शेड्यूल में फिट नहीं बैठता। हालांकि उन्होंने बाद में “संभावना” के लिए दरवाज़ा खुला रखा। यह दूसरी बार है जब ट्रम्प का दावा खोखला निकला—पहले उन्होंने भारत-पाक युद्ध रोकने का भी झूठा दावा किया था।
अमेरिकी बड़बोलेपन को झटका
तुर्की की वार्ता में ट्रंप का 'डीलमेकर'कार्ड फिर नाकाम रहा. उनकी आदतें-बिना योजना के धमकियां देना और अचानक पहुंचने की रणनीति-फिर असफल हुई. इरान से लेकर यूक्रेन तक उनकी घोषणाएं अब कौमातरी जगत में कमजोर पड़ती जा रही हैं. एक बार फिर उनके खुद को 'समाधानकर्ता' बताने वाली छवि को गहरा धक्का लगा है.


