युद्ध खत्म करने की ओर बड़ा कदम? ट्रंप प्रस्ताव को हरी झंडी मिली, लेकिन जेलेंस्की ने जताई सावधानी
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले चार वर्षों से जारी युद्ध को समाप्त कराने के प्रयास एक बार फिर तेज हो गए हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक नया शांति प्रस्ताव सामने रखा है, जिसे लेकर अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा तेज है.

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले चार वर्षों से जारी युद्ध को समाप्त कराने के प्रयास एक बार फिर तेज हो गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक नया शांति प्रस्ताव सामने रखा है, जिसे लेकर अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा तेज है. हालांकि इस प्रस्ताव को स्वीकार करना दोनों देशों के लिए आसान नहीं माना जा रहा, लेकिन अमेरिका ने दावा किया है कि यूक्रेन इस समझौते पर सहमत हो गया है.
जेलेंस्की ने क्या संकेत दिए?
एक रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि यूक्रेन ने युद्ध खत्म करने के लिए इस ड्राफ्ट प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. लेकिन दूसरी ओर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने एक अलग ही संकेत दिए हैं. उनका कहना है कि प्रस्ताव पर अभी और बातचीत की आवश्यकता है और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्पष्टता आना बाकी है.
ट्रंप प्रशासन की ओर से पेश किए गए इस प्रस्ताव पर पिछले कुछ दिनों से बातचीत जारी है. मंगलवार को अबू धाबी में अमेरिकी आर्मी सेक्रेटरी ने रूसी प्रतिनिधियों के साथ एक अहम बैठक की, जिसमें यूक्रेन का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद रहा. बैठक के दौरान एक अमेरिकी अधिकारी ने दावा किया कि यूक्रेन शांति समझौते के लिए तैयार है और केवल कुछ छोटी शर्तों पर सहमति बनना बाकी है.
हालांकि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बयान इस दावे के विपरीत हैं. मंगलवार को ही उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि जिनेवा में हुई बैठकों से शांति वार्ता के नए रास्ते सामने आए हैं, लेकिन समझौते के लिए अभी “काफी काम” बाकी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यूक्रेन किसी भी समझौते में अपनी गरिमा और संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा.
जेलेंस्की के सामने कौन सी चुनौती?
जेलेंस्की ने एक दिन पहले यह भी कहा था कि उनका देश बेहद नाजुक स्थिति में खड़ा है. उनके मुताबिक, एक तरफ अपनी राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को बचाने की चुनौती है, तो दूसरी तरफ अमेरिका जैसे महत्वपूर्ण सहयोगी को खो देने का जोखिम. उन्होंने कहा कि वास्तविक शांति के लिए हमें ऐसे समाधान चाहिए जो हमें मजबूत बनाएं, न कि कमजोर.
जहां तक अमेरिकी शांति प्रस्ताव की बात है, इसमें 28 बिंदु शामिल हैं. रिपोर्टों के अनुसार, इस योजना में यूक्रेन से दोनेत्स्क और लुहान्स्क क्षेत्र (दोनबास) से पीछे हटने, सेना का आकार घटाने और NATO सदस्यता की इच्छा छोड़ने की मांग की गई है. वहीं अमेरिका पहली बार क्रीमिया को रूस का आधिकारिक हिस्सा मानने पर विचार कर सकता है.
हालांकि रूस की इन शर्तों को यूक्रेन लंबे समय से अस्वीकार करता आया है. जेलेंस्की कई बार कह चुके हैं कि यूक्रेनी भूमि पर किसी बाहरी दावा या नियंत्रण की शर्त को मानना लाल रेखा है, जिसे पार करना संभव नहीं. इस बीच दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि यह प्रस्ताव युद्ध के अंत की ओर पहला कदम साबित होगा या वार्ताएं फिर किसी नए मोड़ पर अटक जाएंगी.


