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यूक्रेन के ड्रोन वार से दहला रूस, गैस प्लांट में आग और ट्रंप का ‘जमीन छोड़ो शांति पाओ’ बयान

  यूक्रेन ने रूस के बड़े गैस प्लांट पर ड्रोन हमला किया, जिससे गैस सप्लाई ठप हो गई। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने शांति के लिए जमीन छोड़ने की सलाह देकर हलचल मचा दी।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

International News: यूक्रेन ने रूस के ओरेनबर्ग इलाके में मौजूद दुनिया के सबसे बड़े गैस प्रोसेसिंग प्लांट को ड्रोन से निशाना बनाया। इस हमले के बाद प्लांट में आग लग गई और संचालन रोकना पड़ा। यह प्लांट रूस की सरकारी कंपनी गज़प्रोम के अधीन है और हर साल करीब 45 अरब क्यूबिक मीटर गैस प्रोसेस करता है। हमले के बाद कजाखस्तान से आने वाली गैस सप्लाई भी बंद करनी पड़ी, जिससे बड़ा झटका लगा।

कजाखस्तान की सप्लाई रुकी

कजाखस्तान के ऊर्जा मंत्रालय ने पुष्टि की कि रूस पर हुए हमले की वजह से उनकी गैस आपूर्ति प्रभावित हुई है। मंत्रालय ने कहा कि वे स्थिति को जल्दी सामान्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं। गैस सप्लाई रुकने से क्षेत्र में ऊर्जा प्रवाह बाधित हो गया। कई इलाकों में लोगों को गैस की कमी झेलनी पड़ी। इससे साफ है कि जंग का असर पड़ोसी देशों पर भी गहराता जा रहा है।

यूक्रेन की नई रणनीति

यह हमला सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। उनका मानना है कि रूस की ऊर्जा इकाइयां ही उसके युद्ध को चला रही हैं। इसीलिए यूक्रेन लगातार इन ठिकानों को निशाना बना रहा है ताकि रूस की आर्थिक ताकत कमजोर हो। हाल के महीनों में यूक्रेन ने कई बार तेल और गैस से जुड़ी जगहों पर हमले किए हैं। इससे रूस की आमदनी पर सीधा असर पड़ा है।

ट्रंप का विवादित बयान

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पूरे मामले पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका को अपने हथियारों का भंडार सुरक्षित रखना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि क्या यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइल दी जाएगी, तो उन्होंने सीधा जवाब देने से बचा लिया। ट्रंप ने यह भी कहा कि यूरोप के देशों को इस जंग की जिम्मेदारी ज्यादा उठानी चाहिए। उनके बयान से अमेरिका की भविष्य की भूमिका पर संदेह बढ़ गया है।

रिफाइनरी पर भी हमला

यूक्रेन ने रूस के समारा इलाके की नोवोकुइबिशेव्स्क ऑयल रिफाइनरी पर भी हमला किया। यहां ड्रोन हमले के बाद आग लग गई और कई घंटों तक ईंधन का काम ठप रहा। रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उन्होंने एक ही रात में 45 यूक्रेनी ड्रोन गिराए। लेकिन इसके बावजूद रिफाइनरी को नुकसान पहुंचा और हालात बिगड़ गए। यह दिखाता है कि यूक्रेन अब रूस के भीतर गहराई तक वार करने से पीछे नहीं हट रहा।

रूस-यूक्रेन टकराव तेज

विश्लेषकों का कहना है कि अब जंग सीमा पार से आगे बढ़कर रूस के शहरों और उद्योगों तक पहुंच चुकी है। यह नई रणनीति रूस की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। रूस की जनता में भी डर का माहौल है। वहीं, यूक्रेन का मानना है कि ऐसे हमले रूस पर दबाव बढ़ाएंगे और उसे युद्ध रोकने पर मजबूर करेंगे।

शांति की उम्मीद धुंधली

ट्रंप के बयानों और यूक्रेन के लगातार हमलों ने शांति की उम्मीदों को कमजोर कर दिया है। यूरोप को भी डर है कि इस जंग से उसकी ऊर्जा सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। सवाल उठता है कि क्या यूक्रेन वाकई अपनी जमीन छोड़कर शांति के लिए तैयार होगा। अभी हालात बताते हैं कि जंग और लंबी चलेगी और हल निकलता नजर नहीं आ रहा।

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23 October 2025, 08:56 AM IST

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