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ईरान को धोखा देकर अमेरिका ने उड़ाए परमाणु ठिकाने! पश्चिम भेजे B-2 बॉम्बर्स, हमला हुआ पूरब से

US Iran Strike: अमेरिका ने ईरान पर अपने अब तक के सबसे गुप्त और सटीक हमले को अंजाम दिया है. ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत अमेरिका ने पश्चिम की ओर बमवर्षकों को भेजकर ध्यान भटकाया, जबकि असली हमलावर पूर्व से बिना किसी रडार में आए ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों को तबाह कर लौटे.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

US Iran Strike: ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका ने जो हमला किया, वह सैन्य रणनीति और गोपनीयता का एक अद्भुत उदाहरण बन गया है. ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत अमेरिका ने दुनिया और ईरान दोनों को चकमा देकर तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर एक बेहद सटीक हमला किया. इस हमले का सबसे अहम हिस्सा था एक फर्जी मोर्चा बमवर्षकों का ऐसा जत्था जो असली हमले से ध्यान भटकाने के लिए पश्चिम की ओर उड़ा, जबकि असली हमलावर पूर्व दिशा से चुपचाप आगे बढ़ते रहे.

गुप्त मिशन, सटीक निशाना और बिना जवाबी कार्रवाई के वापसी अमेरिकी हमले की पूरी कहानी अब सामने आ चुकी है. अमेरिकी वायुसेना के B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने 18 घंटे की लंबी उड़ान भरकर ईरान के फोर्दो, नतांज और इस्फहान स्थित तीन परमाणु ठिकानों को भारी तबाही में झोंक दिया.

कैसे हुआ अमेरिका का हमला?

शनिवार को अमेरिका के मिसौरी स्थित बेस से B-2 बमवर्षकों का एक जत्था गुआम की दिशा में उड़ान भरता देखा गया. सैन्य विशेषज्ञों के लिए यह एक संकेत था कि अमेरिका किसी बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है, लेकिन यह हमला फिलहाल नहीं होगा. यही था अमेरिका का मास्टरस्ट्रोक. गुआम की ओर गया जत्था महज एक ‘डाइवर्जन’ यानी चकमा देने वाला अभियान था.

पूर्व की ओर से निकले असली हमलावर

इसी बीच, सात B-2 बमवर्षकों का असली दल बिना किसी शोर-शराबे के ईरान की ओर रवाना हुआ. यह 18 घंटे लंबी उड़ान थी, जिसमें बमवर्षकों ने न केवल रडार से बचने की तकनीक अपनाई, बल्कि मध्य-आकाश में ईंधन भी भरा गया. अमेरिकी फाइटर जेट्स ने भी अपने मिशन में भाग लिया और स्टील्थ बमवर्षकों से पहले उड़ते हुए ईरानी वायु रक्षा को भ्रम में डाले रखा.

टॉमहॉक मिसाइलों की बारिश

ईरानी वायुसीमा के करीब पहुंचते ही अमेरिकी पनडुब्बी से दो दर्जन से अधिक टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें दागी गईं, जिससे ईरान की प्रमुख रक्षा प्रणालियों को निष्क्रिय किया जा सके. इसके तुरंत बाद B-2 विमानों ने 30,000 पाउंड के 14 GBU-57 Massive Ordnance Penetrators गिराए ये वही बंकर बस्टर बम थे जिन्हें गहराई में स्थित परमाणु ठिकानों को तबाह करने के लिए बनाया गया है.

इतिहास का सबसे बड़ा B-2 अभियान

पेंटागन के अनुसार, यह अब तक का सबसे बड़ा समन्वित B-2 ऑपरेशन था और 9/11 के बाद की फ्लाइट्स को छोड़कर B-2 विमानों की दूसरी सबसे लंबी उड़ान रही. इस मिशन में 125 से अधिक अमेरिकी सैन्य विमान शामिल थे.

ईरान को भनक तक नहीं लगी

अमेरिकी सैन्य प्रमुख जनरल डैन कैन के अनुसार, “ईरान के लड़ाकू विमान उड़ान भर ही नहीं सके और उनकी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों ने हमें देख ही नहीं पाया. हमने पूरे अभियान के दौरान ‘एलिमेंट ऑफ सरप्राइज़’ बनाए रखा.” उनका कहना था कि ईरान को हमले की भनक तक नहीं लगी और वह कोई जवाबी कार्रवाई नहीं कर सका.

व्हाइट हाउस को भी थी सीमित जानकारी

इस मिशन की गोपनीयता इतनी अधिक थी कि वॉशिंगटन डीसी में भी केवल कुछ ही लोगों को इसकी जानकारी थी. जनरल कैन ने बताया कि कई अधिकारियों को मिशन की जानकारी तब मिली जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार देर रात इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया.

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही इस्राइल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान पर मिसाइल हमला किया था, जिसके बाद अमेरिका का यह बड़ा हमला सामने आया है.

सैटेलाइट से दिखा बर्बादी का मंजर

रॉयटर्स द्वारा साझा की गईं सैटेलाइट तस्वीरों में फोर्दो के भूमिगत परमाणु संयंत्र को गंभीर नुकसान हुआ दिखाया गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले से यूरेनियम संवर्धन में प्रयोग होने वाले सेंट्रीफ्यूज बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. हालांकि परमाणु विशेषज्ञों ने अब तक संयंत्र की वास्तविक स्थिति की पुष्टि नहीं की है.

इस बीच, ईरान ने फिर से दावा किया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है. अमेरिकी हमले के जवाब में ईरान ने इस्राइल पर मिसाइलें दागीं, जिससे तेल अवीव में कई इमारतें ध्वस्त हो गईं और दर्जनों लोग घायल हुए.

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23 June 2025, 01:57 PM IST

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