थाईलैंड-कंबोडिया में भड़की हिंसा: F-16 तैनात, सीमाएं बंद, जानें 10 बड़े अपडेट
प्राचीन मंदिरों के आसपास की विवादित सीमा को लेकर थाईलैंड और कंबोडिया के बीच तनाव ने हाल ही में खतरनाक मोड़ ले लिया है. बारूदी सुरंग विस्फोट के बाद थाईलैंड ने कंबोडियाई राजदूत को देश से निकाल दिया, जिसके जवाब में कंबोडिया ने भी कूटनीतिक रिश्तों को ठंडा कर दिया दोनों देशों के बीच सैन्य झड़पें तेज हो गई हैं,

Thailand-Cambodia: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवादित सीमा पर एक बार फिर संघर्ष तेज हो गया है, जिसके कारण हताहतों की संख्या बढ़ी है और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक गतिरोध उत्पन्न हो गया है. यह विवाद खासकर प्राचीन मंदिरों के आस-पास के क्षेत्रीय दावों को लेकर और भी जटिल हो गया है. हाल के दिनों में बारूदी सुरंगों के विस्फोट, तोपखाने की गोलाबारी और कथित हवाई हमलों के चलते सीमा पर तनाव और अधिक बढ़ गया है. एक बारूदी सुरंग विस्फोट में पांच थाई सैनिक घायल हो गए थे, जिसके बाद थाईलैंड ने कंबोडिया के राजदूत को बाहर कर दिया और सभी पूर्वोत्तर सीमा चौकियां बंद कर दीं. कंबोडिया ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अपने राजनयिक संबंधों को कम कर दिया और बैंकॉक स्थित अपने दूतावास से अधिकांश कर्मचारियों को वापस बुला लिया.
संघर्ष के बढ़ते केंद्र बिंदु अब सुरिन और ओद्दार मीनचे के सीमावर्ती प्रांत बन चुके हैं, जहां सैन्य गतिविधियां तेज हो गई हैं. मीडिया के अनुसार, थाईलैंड के एक F-16 लड़ाकू विमान ने कंबोडिया के ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिससे यह स्थिति और जटिल हो गई है. कंबोडिया-थाईलैंड सीमा विवाद के 10 प्रमुख कारण हैं.
प्राचीन मंदिरों के आसपास लड़ाई की शुरुआत
झड़पें गुरुवार सुबह ता मुएन और ता मोआन थॉम मंदिरों के आसपास शुरू हुईं, जो दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवादित रहे हैं. थाई सेना का कहना है कि कंबोडियाई सैनिकों ने पहले एक ड्रोन और फिर छह सशस्त्र सैनिकों को देखा, जिसके बाद गोलीबारी की गई. थाई पक्ष ने कहा कि उन्होंने इस गोलीबारी का जवाब दिया, जबकि कंबोडिया का दावा है कि उसके सैनिक अपने राष्ट्रीय क्षेत्र की रक्षा कर रहे थे.
नागरिक और सैनिकों में डर का माहौल
थाईलैंड के अधिकारियों के अनुसार, कंबोडिया की ओर से की गई तोपखाने की गोलाबारी में एक थाई नागरिक की मौत हो गई और तीन अन्य लोग घायल हो गए, जिनमें एक पांच साल का बच्चा भी शामिल था. इसके अलावा, थाईलैंड ने बताया कि सात सैनिक भी घायल हुए हैं. थाई सेना ने आरोप लगाया कि कंबोडियाई सेना ने सुरिन के कप चोएंग जिले में बीएम-21 रॉकेट दागे, जिससे नागरिक क्षेत्रों को भारी नुकसान हुआ.
कंबोडिया ने थाईलैंड पर आरोप लगाए
कंबोडिया के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने थाईलैंड पर 'क्रूर और अवैध सैन्य आक्रमण" का आरोप लगाया है. मंत्रालय का कहना है कि थाई विमानों ने कंबोडिया के क्षेत्र पर बमबारी की और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया. कंबोडिया ने इस कार्रवाई को 'अंतर्राष्ट्रीय कानून' और आसियान मानदंडों का उल्लंघन बताया. कंबोडिया ने यह भी कहा कि उनकी सेनाएं 'हर कीमत पर' अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए तैयार हैं.
कंबोडिया ने अस्पताल पर कथित हमले का आरोप लगाया
थाई सेना के अनुसार, कंबोडियाई तोपखाने ने सुरिन प्रांत के फानोम डोंग राक अस्पताल को निशाना बनाया. इस कथित हमले के बाद, नागरिकों के लिए अस्पताल जैसी चिकित्सा सुविधाओं को निशाना बनाए जाने की आशंका बढ़ गई है. इसके परिणामस्वरूप थाईलैंड ने प्रभावित क्षेत्रों से नागरिकों की निकासी की चेतावनी जारी की और सीमा सुरक्षा को कड़ा कर दिया.
सीमाएं बंद, नागरिकों को कंबोडिया छोड़ने आदेश
थाईलैंड ने कंबोडिया से लगी सभी सीमा चौकियां बंद कर दीं और अपने नागरिकों से कंबोडिया छोड़ने को कहा. नोम पेन्ह स्थित थाई दूतावास ने अपने नागरिकों को सलाह दी कि वे कंबोडिया तब तक न जाएं, जब तक यह अत्यावश्यक न हो. थाई सीमावर्ती गांवों से एक लाइवस्ट्रीम वीडियो में नागरिकों को बंकरों में भागते हुए दिखाया गया, क्योंकि पास में विस्फोटों की गूंज सुनाई दे रही थी.
48 घंटों के भीतर, दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजदूतों को निष्कासित कर दिया और कंबोडिया ने अपने राजनयिक संबंधों को 'सबसे निचले स्तर' पर ला दिया. कंबोडिया ने बैंकॉक स्थित अपने दूतावास से अधिकांश कर्मचारियों को वापस बुला लिया. यह कदम थाईलैंड के उस दावे के बाद उठाया गया, जिसमें कहा गया था कि कंबोडिया ने विवादित क्षेत्र में नई बारूदी सुरंगें लगाई थीं.
कैसे बढ़ा तनाव?
बुधवार को हुए बारूदी सुरंग विस्फोट के कारण थाई सैनिक घायल हुए थे, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया. थाईलैंड का कहना है कि ये बारूदी सुरंगें रूस में बने नए उपकरणों से थीं, जो पहले हुए समझौते का उल्लंघन हैं. वहीं, कंबोडिया का कहना है कि यह विस्फोट सीमा के अपने हिस्से में हुआ और इसके लिए पुराने युद्धों से बचे हुए अप्रयुक्त गोला-बारूद जिम्मेदार थे.
कंबोडिया की सैन्य तैयारी
कंबोडिया ने हाल ही में घोषणा की है कि वह अगले साल से नागरिकों की भर्ती के लिए अनिवार्य सैन्य मसौदा कानून को फिर से लागू करेगा. प्रधानमंत्री हुन मानेट ने कहा, 'कंबोडिया के पास सशस्त्र आक्रमण का जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है,' और उन्होंने बढ़ती शत्रुता के बीच सैन्य तैयारी पर जोर दिया.
थाईलैंड में राजनीतिक संकट
यह सीमा विवाद थाईलैंड में राजनीतिक संकट का कारण भी बन गया है. प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा को इस महीने की शुरुआत में संकट से निपटने से जुड़े एक नैतिक मुद्दे पर पद से निलंबित कर दिया गया था. उनके और पूर्व कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन सेन के बीच लीक हुई बातचीत ने घरेलू राजनीतिक मतभेदों को और बढ़ा दिया है.
ऐतिहासिक सीमा विवाद
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच यह सीमा विवाद नया नहीं है. खासकर प्रीह विहिर मंदिर के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच तनाव रहा है. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने 1962 में इस मंदिर को कंबोडिया को सौंप दिया था, लेकिन थाई राष्ट्रवादी समूहों ने इस फैसले का विरोध किया है. 2011 में, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने कंबोडिया के दावे को फिर से पुष्ट किया, लेकिन इसके बाद भी यह विवाद समय-समय पर सशस्त्र टकरावों में बदल जाता है.


